प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहे HT कपास के बीज, इस वजह है कि किसान कर रहे खरीदारी

प्रतिबंधित HT कपास बीज की नागपुर में अवैध बिक्री बढ़ रही है, जिससे सरकारी मंजूरी प्राप्त BG2 बीजों की मांग घट रही है. किसान HT बीज को इसकी खरपतवार और कीटों से दोहरी सुरक्षा के कारण पसंद कर रहे हैं. डीलरों को नुकसान और बचे स्टॉक की चिंता सता रही है.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 10 Jun, 2025 | 04:38 PM

जहरीले खरपतवारनाशकों के असर को झेलने वाले प्रतिबंधित हर्बीसाइड-टॉलरेंट (HT) कपास बीज तेजी से नागपुर जिले के मार्केट में बिक रहे हैं. हालांकि, कृषि उत्पाद बेचने वाले डीलरों का कहना है कि इस बार की बुआई में ये बीज कानूनी रूप से बिकने वाले BG2 कपास बीजों की बिक्री पर बुरा असर डाल सकते हैं. किसानों ने कहा है कि HT बीज की कीमत 1200 रुपये से 1500 रुपये प्रति पैकेट है, जबकि सरकारी मंजूरी वाले BG2 बीज 850 रुपये प्रति पैकेट के तय दाम पर बिक रहे हैं.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, HT बीजों को अमेरिका की बड़ी एग्री कंपनी मॉन्सैंटो ने महाराष्ट्र हाइब्रिड सीड्स कंपनी (महायको) के साथ मिलकर विकसित किया था. इनमें एक अतिरिक्त जीन होता है जो इन्हें खरपतवारनाशक (जैसे ग्लाइफोसेट) के छिड़काव के बाद भी जीवित रहने की क्षमता देता है. इससे खेतों में बुआई से पहले और बाद में खरपतवार को हाथ से साफ करने की जरूरत नहीं रहती. सिर्फ स्प्रे करने से खरपतवार खत्म हो जाते हैं और कपास की फसल बची रहती है.

30 फीसदी में HT बीजों की बुवाई

वहीं, BG2 बीज केवल कीट (बोलवर्म) से बचाव करते हैं. कपास अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक सीडी मये का कहना है कि इस बार करीब 30 फीसदी कपास की खेती HT बीजों से होने की संभावना है. हालांकि, इस किस्म को सरकार से औपचारिक मंजूरी नहीं मिल सकी, क्योंकि महिको-मोनसेंटो गठबंधन द्वारा परीक्षण बीच में ही रोक दिए गए थे. फिर भी, जैसे-जैसे बीज चोरी होते गए, गुजरात अवैध खेती का केंद्र बन गया.

बीज डीलरों को होगा नुकसान

यवतमाल के एक डीलर पंकज बोथरा ने कहा कि व्यापारियों को अग्रिम भुगतान करके कपास के बीज का कोटा बुक करना पड़ता है. संभावना है कि एचटी बीजों की बेतहाशा बिक्री के कारण कई लोग अपनी लागत भी नहीं निकाल पाएंगे. संभावना है कि कुछ लोग बिना बिके स्टॉक के कारण बीज कंपनियों से पैसे वापस भी मांग सकते हैं.

15 जून से पहले बिक्री की अनुमति नहीं

नागपुर एग्रो डीलर्स एसोसिएशन के शरद चांडक ने भी माना कि एचटी बीज उनके व्यवसाय को प्रभावित कर रहे हैं. किसान एचटी बीजों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसके बारे में विक्रेताओं का दावा है कि इसमें कीटों और खरपतवारनाशकों दोनों से सुरक्षा है. वास्तव में, ग्रे मार्केट के डीलर आधिकारिक बिक्री की अनुमति मिलने से बहुत पहले ही काम शुरू कर देते हैं. एक सूत्र ने कहा कि सरकार 15 जून से पहले कपास के बीजों की बिक्री की अनुमति नहीं देती है.

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Published: 10 Jun, 2025 | 04:34 PM

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