खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है . ऐसे में किसान खरीफ सीजन की कुछ ऐसी फसलों का चुनाव करते हैं. वहीं रबी सीजन की कुछ फसलों की कटाई का भी समय आ गया है. इन्हीं में से एक है गुलदाऊदी फूल (Chrysanthemum) की फसल जिसकी रोपाई खरीफ सीजन में की जाती है. यह एक सजावटी फूल है जिसकी खेती किसान बड़े पैमाने पर व्यावसायिक रूप से करते हैं. गुलदाऊदी के फूल को कट फ्लावर, पॉट प्लांट, माला और श्रंगार के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
कैसे करें गुलदाऊदी की खेती
यह एक शीतकालीन फसल है , इसकी खेती के लिए 15 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के तापमान की जरूरत होती है. इसकी खेती के लिए 6.0 से 7.0 pH मान वाली हल्की दोमट मिट्टी बेस्ट होती है. जिसमें जल निकासी का सही इंतजाम हो. इसकी खेती आप कटिंग लगाकर कर सकते हैं जिसके लिए जुलाई से अगस्त का महीना सही होता है. रोपाई के कुछ समय बाद अक्टूबर से दिसंबर के बीच इसके पौधों में फूल खिलने लगते हैं. बता दें कि इसके रंग-बिरंगे फूल बहुत ही मनमोहक होते हैं.
खाद डालने का सही समय
गुलदाऊदी के पौधे को पहली निराई के समय खाद की जरूरत होती है, इसके बाद फूल आने के बाद भी खाद दी जाती है. गुलदाऊदी के पौधे को 8 से 10 टन गोबर की खाद, 80 से 100 किग्रा यूरिया, 50 से 60 किग्रा फॉस्फेट और 50 से 60 किग्रा पोटाश जरूर देना चाहिए. इसके फूलों की तुड़ाई पूरी तरह फूल खुलने पर ही करें और तुड़ाई करने का सही समय सुबह या शाम का ही होता है. इसको नियमित रूप से सिंचाई की जरूरत होती है लेकिन बहुत ज्यादा पानी से इसका पौधा सड़ सकता है.
1.5 लाख तक हो सकता है मुनाफा
क्योंकि गुलदाऊदी एक सजावटी फूल है इसलिए बाजार में इसकी मांग सालभर बनी रहती है. इवेंट और मौसम के अनुसार इसकी कीमतें घटती-बढ़ती रहती हैं. एक फूल की औसतन कीमत 50 रुपये से 150 रुपये किलो तक हो सकती है. बात करें उपज की तो प्रति एकड़ फसल से 4 हजार से 5 हजार किग्रा फूलों का उत्पादन हो सकता है. जिससे किसान प्रति एकड़ 60 हजार से 1.5 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है.