ग्वार की फसल को खराब करते हैं ये कीट, पैदावार और क्वालिटी पर डालते हैं बुरा असर

गालवास्प के आक्रमण से फलियों में गांठ या मणियां बन जाती हैं, जिसके कारण बीजों का आकार छोटा हो जाता है और पैदावार में भी कमी आती है.

नोएडा | Published: 14 Jun, 2025 | 03:36 PM

श्रीअन्न फसलों की प्रमुख फसलों में से एक है ग्वार की फसल, जिसे अनाज और चारा दोनों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी खेती किसानों के लिए भी फायदे का सौदा साबित होती है. लेकिन कई बार सही जानकारी न होने और किसानों की लापरवाही के कारण ग्वार की फसल पर कई तरह के खतरनाक कीटों का आक्रमण हो जाता है. जिससे न केवल फसल बर्बाद होती है, बल्कि किसानों को भी काफी नुकसान पहुंचता है. खबर में आगे ऐसे ही कुछ खरतनीक कीटों और उनसे बचाव के बारे में बात करेंगे.

ग्वार की फसल में लगने वाले कीट

लीफ हॉपर

ये एक ऐसा कीट है जिसके आक्रमण से पत्तियों पर हल्के पीले धब्बे पड़ने लगते हैं जो कि आगे चलकर सफेद हो जाते हैं. इसके साथ ही ये कीट पौधों का रस भी चूसते हैं. ग्वार की फसल को लीफ हॉपर से बचाने के लिए फसल पर इमिडाक्लोप्रिड 0.03 फीसदी या मिथाइल पैराथियान 50 फीसदी 750 मिली को प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें.

सफेद मक्खी

इस कीट के आक्रमण से पत्तियों के निचली सतह पर सफेद रंग की मक्खियां दिखाई देती हैं. ये भी पौधों का रस चूसती हैं जिससे पत्तियों पर कालापन दिखने लगता है. इस कीट से फसल को बचाने के लिए प्रभावित हिस्से को हटाकर अलग कर दें. साथ ही ग्वार की फसल पर इमिडाक्लोप्रिड 0.03 फीसदी या मिथाइल पैराथियान 50 फीसदी 750 मिली का प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें.

गालवास्प

गालवास्प के आक्रमण से फलियों में गांठ या मणियां बन जाती है, जिसके कारण बीजों का आकार छोटा हो जाता है और पैदावार में भी कमी आती है. गालवास्प से ग्वार की फसल को बचाने के लिए 200 मिली रोगोर और 100 मिली कॉन्फीडो को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ फसल पर इसका छिड़काव करें. अगर जरूरत हो तो 10 से 15 दिन के अंतर पर दोबार छिड़काव करें.

एफिड

एफिड के आक्रमण से पत्तियों के निचली सतह पर छोटे, काले और हरे रंग के कीट दिखने लगते हैं. इसके आक्रमण से पत्तियां मुरझाती हैं और सिकुड़ जाती हैं. बचाव के लिए पौधों से प्रभावित हिस्से को हटाकर अलग कर दें. चाहें तो इमिडाक्लोप्रिड 0.03 फीसदी या मोनोक्रोटोफॉस 36 एसएल 1 लीटर का प्रति हेक्टेयर की दर से फसल पर छिड़काव करें.