6000 साल से दुनिया में मौजूद खजूर- जानिए कौन सी किस्म सबसे बेस्ट?

खजूर को रेगिस्तान का फल कहा जाता है, जिसकी खेती 6,000 सालों से की जा रही है. यह मुख्य रूप से मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका में उगाया जाता है.

Kisan India
Noida | Published: 17 Mar, 2025 | 03:03 AM

खजूर एक मीठा और पौष्टिक फल है जिसे सदियों से पसंद किया जाता रहा है. दुनिया भर में 600 से अधिक प्रकार की खजूर की किस्में पाई जाती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतने प्रकार की खजूर क्यों मौजूद हैं? आइए, इसकी खेती, इतिहास और विविधताओं को समझते हैं.

खजूर का इतिहास

खजूर को रेगिस्तान का फल कहा जाता है, जिसकी खेती 6,000 सालों से की जा रही है. यह मुख्य रूप से मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका में उगाया जाता है. इसकी सही उत्पत्ति का पता लगाना कठिन है, क्योंकि व्यापार के माध्यम से यह कई देशों में फैल गई है. वर्तमान में, 30 से अधिक देशों में खजूर की खेती होती है, जिसमें से 80% उत्पादन उत्तर अफ्रीका और मध्य पूर्व में होता है.

खजूर की खेती

खजूर को गर्म और शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है, जिससे मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका इसकी खेती के लिए आदर्श क्षेत्र बनते हैं. हालांकि, इसे कैलिफोर्निया, एरिजोना और एशिया के कुछ हिस्सों में भी सफलतापूर्वक उगाया जाता है. भौगोलिक परिस्थितियों में भिन्नता के कारण खजूर की बनावट, स्वाद और रंग में अंतर पाया जाता है.

उदाहरण के लिए, चीन में उगाई जाने वाली जुजुबे खजूर या लाल खजूर, पारंपरिक मध्य पूर्वी खजूर की तुलना में कम मीठी होती है. तकनीकी रूप से, यह खजूर की श्रेणी में नहीं आती, लेकिन दिखने, स्वाद और उपयोग के आधार पर इसे खजूर के रूप में माना जाता है. इसका स्वाद सेब की तरह होता है और इसका रंग गहरा लाल होता है.

प्रमुख खजूर की किस्में

कुछ प्रसिद्ध खजूर की किस्में इस प्रकार हैं:

-मेदजूल (Medjool)

-खोलास (Kholas)

-दगलेट नूर (Deglet Noor)

-बहरी (Bahri)

-जाहिदी (Zahidi)

सऊदी अरब में स्थित बाटील फार्म खजूर की सात प्रमुख किस्मों की खेती करता है, जिनमें अजवा, मेदजूल, खोलास, खिदरी, सगाई, सोक्करी और वनान शामिल हैं. पारंपरिक तरीकों से उगाई गई ये खजूर बेहतरीन स्वाद और उच्च गुणवत्ता के लिए जानी जाती हैं.

खेती की तकनीकें

खजूर के पेड़ आमतौर पर बीज या शाखाओं से उगाए जाते हैं. यदि बीज से उगाया जाता है, तो नई किस्म मूल पौधे से भिन्न हो सकती है. इसके अलावा, प्राकृतिक और कृत्रिम परागण के कारण भी नई किस्में विकसित होती हैं.

विविधता और चयन

सदियों से, किसानों ने स्वाद, बनावट, आकार और भंडारण क्षमता को ध्यान में रखते हुए विशेष खजूर की किस्मों का चयन और संवर्धन किया है. इस कारण से आज दुनिया भर में कई प्रकार की खजूर उपलब्ध हैं. हर क्षेत्र, परिवार या व्यक्ति की अपनी पसंदीदा किस्म होती है. इसके अलावा, विभिन्न देशों की पाक-कला परंपराएं भी खजूर की विविधता को बढ़ावा देती हैं.

दुनिया भर में खजूर की विविधता इसके ऐतिहासिक, पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और व्यापारिक कारणों से उत्पन्न हुई है. इसके कृषि तकनीक और बदलते खाद्य परंपराओं ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसलिए, अगली बार जब आप खजूर का स्वाद लें, तो इसके समृद्ध इतिहास और रोचक सफर को भी याद करें.

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Published: 17 Mar, 2025 | 03:03 AM

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