अरबी से बदलें किस्मत, जानें इसकी खेती का फुल प्लान

अरबी की मांग सालभर बनी रहती है. मंडी में बेचें या सीधे बाजार में, दोनों में अच्छा दाम मिल सकता है. कम लागत और कम पानी में होने वाली यह फसल छोटे किसानों के लिए बेहतरीन ऑप्शन है.

Kisan India
नोएडा | Published: 9 Apr, 2025 | 04:04 PM

अरबी यानी घुइयां या कुचई भारत की पारंपरिक और लोकप्रिय सब्जियों में से एक है. इसका स्वाद तो लाजवाब होता ही है, साथ ही इसमें पोषक तत्वों की भरमार भी होती है. अच्छी बात ये है कि इसकी खेती ज्यादा कठिन नहीं होती और सही तरीके से की जाए तो यह अच्छी कमाई का जरिया बन सकती है.

कैसी जलवायु में करें खेती?

अरबी को गर्म और नम वातावरण पसंद होता है. इसकी बुवाई का सबसे अच्छा समय फरवरी से अप्रैल के बीच होता है. तापमान अगर 25 से 35 डिग्री सेल्सियस हो, तो अरबी तेजी से बढ़ती है. ठंडी और भारी बारिश इसकी फसल को नुकसान पहुंचा सकती है.

मिट्टी कैसी होनी चाहिए?

अरबी के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे बढ़िया रहती है, जिसमें पानी का ठहराव न हो. अगर खेत में पानी जमा हो गया तो इसके कंद सड़ सकते हैं. मिट्टी का पीएच 5.5 से 7.0 के बीच होना चाहिए.

खेत की तैयारी और खाद डालना

सबसे पहले खेत की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी अच्छी तरह से भुरभुरी हो जाए. इसके बाद उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएं. इससे पौधे मजबूत बनते हैं और उत्पादन अच्छा होता है.

कंदों से होती है बुवाई

अरबी बीज से नहीं, बल्कि कंदों से उगाई जाती है. बुवाई से पहले इन कंदों को किसी फफूंदनाशक से उपचारित कर लेना चाहिए. कंदों को खेत में लगभग 45×30 सेमी की दूरी पर लगाएं ताकि पौधे फैल सकें.

सिंचाई और देखभाल कैसे करें?

बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें, फिर हर 7-10 दिन में पानी देते रहें. गर्मियों में मिट्टी को नमीदार बनाए रखना जरूरी है. ध्यान रहे, खेत में पानी जमा न हो. साथ ही खरपतवार हटाने के लिए निराई-गुड़ाई करते रहें.

कीट और बीमारियों से कैसे बचाएं?

अरबी में लीफ ब्लाइट, जड़ सड़न जैसी बीमारियां हो सकती हैं. बचाव के लिए समय-समय पर जैविक या जरूरत पर रासायनिक दवाइयों का छिड़काव करें. नीम तेल का छिड़काव भी कीटों से बचाने में मदद करता है.

फसल की कटाई और उत्पादन

अरबी की फसल लगभग 5-6 महीने में तैयार हो जाती है. जब पत्तियां पीली होकर सूखने लगें तो समझिए कटाई का समय आ गया है. एक एकड़ से करीब 80 से 120 क्विंटल अरबी का उत्पादन मिल सकता है.

बिक्री और मुनाफा

अरबी की मांग सालभर बनी रहती है. मंडी में बेचें या सीधे बाजार में – दोनों में अच्छा दाम मिल सकता है. कम लागत और कम पानी में होने वाली यह फसल छोटे और मझले किसानों के लिए बेहतरीन विकल्प है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%