देशभर में कालानमक चावल उगाने की योजना, 80 क्विंटल फाउंडेशन बीज तैयार कर रहा यूपी कृषि विभाग
Kalanamak Rice: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में कृषि विभाग ने खास पहल करते हुए 4 हेक्टेयर भूमि पर उन्नत एक खास किस्म की धान की खेती शुरू की है. इस फसल से फाउंडेशन बीज तैयार किया जाएगा, जिसे किसानों में बांटकर पूरे देश में इसकी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.
Kalanamak Seed Production : उत्तर प्रदेश का बस्ती जिला अब पूरे देश में अपनी खुशबूदार कालानमक चावल की पहचान बनाने की तैयारी में जुट गया है. यहां के कृषि विभाग ने खुद अपने फार्म में उन्नत किस्म के कालानमक धान की खेती शुरू कर दी है. खास बात यह है कि बस्ती में अब खुद फाउंडेशन सीड तैयार किया जा रहा है, जिससे किसानों को बेहतर और शुद्ध बीज उपलब्ध कराया जा सके. इस बार करीब 80 क्विंटल बीज तैयार होने की उम्मीद है जिसे अगले सीजन में किसानों में बांटा जाएगा.
सिद्धार्थनगर से अब बस्ती तक पहुंचेगा कालानमक चावल
कालानमक चावल मुख्य रूप से सिद्धार्थनगर जिले का पहचान रहा है, लेकिन अब इसकी खुशबू बस्ती तक भी फैलने वाली है. कृषि विभाग ने इसे एक बड़ी योजना के रूप में अपनाया है ताकि पूर्वांचल के दूसरे जिलों में भी इसकी खेती को बढ़ावा मिल सके. खासकर उन इलाकों में जहां पानी जमा होने के कारण किसान खरीफ सीजन में खेती नहीं कर पाते, वहां कालानमक धान एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है.
4 हेक्टेयर जमीन पर हो रही है उन्नत कालानमक धान की खेती
बस्ती जिले के सिसई और अमरडीहा फार्म हाउस में कुल मिलाकर 4 हेक्टेयर जमीन पर उन्नत किस्म के कालानमक धान की खेती की जा रही है. कृषि अधिकारियों के मुताबिक, फसल की हालत काफी अच्छी है और उम्मीद जताई जा रही है कि इससे करीब 80 क्विंटल फाउंडेशन सीड तैयार होगा. यह बीज पूरी तरह से प्रमाणित होगा और किसानों को अगली फसल के लिए दिया जाएगा.
फाउंडेशन सीड तैयार करने की नई पहल
अब तक किसानों को बीज बाहर से खरीदना पड़ता था, लेकिन इस बार कृषि विभाग खुद ही बीज तैयार कर रहा है. इसे ‘फाउंडेशन सीड’ कहा जाता है, जो उच्च गुणवत्ता वाला बीज होता है और इससे अगली पीढ़ी के लिए बेहतर उत्पादन होता है. विभाग का उद्देश्य है कि किसान खुद अपने जिले में तैयार बीज से खेती करें ताकि उत्पादन में शुद्धता और गुणवत्ता बनी रहे.
किसानों को मिलेगा फायदा, खेती के लिए किया जाएगा प्रेरित
जैसे ही बीज तैयार हो जाएगा, इसे बस्ती के किसानों में बांटा जाएगा. साथ ही कृषि विभाग किसानों को कालानमक धान की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. विभाग मानता है कि अगर किसान इस चावल की खेती अपनाते हैं, तो उन्हें अच्छा मुनाफा मिलेगा. इसकी खुशबू और स्वाद के कारण कालानमक चावल की बाजार में काफी मांग है, खासकर स्वास्थ्य के लिहाज से भी इसे अच्छा माना जाता है.
खरीफ में एक फसल वाली जमीन पर होगा बेहतर इस्तेमाल
बस्ती जिले में कई ऐसे इलाके हैं जहां खरीफ सीजन में केवल एक ही फसल हो पाती है, वो भी पानी भराव की वजह से प्रभावित रहती है. कृषि विभाग की यह योजना ऐसे इलाकों में कालानमक चावल की खेती को बढ़ावा देने की है. इसकी किस्म पानी में भी बेहतर उपज देती है और किसान एक ही फसल से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. यह प्रयोग सफल होता है तो भविष्य में अन्य जिलों में भी इसे अपनाया जा सकता है.
कृषि विभाग की निगरानी में चल रहा पूरा काम
बस्ती जिले के जिला कृषि अधिकारी डॉ. बाबूराम मौर्य खुद फसल की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस साल विभाग ने खुद फाउंडेशन सीड तैयार करने की जिम्मेदारी ली है ताकि बीज की शुद्धता बनी रहे और किसानों को समय पर बीज मिल सके. उनका कहना है कि बस्ती में कालानमक धान की खेती को नई दिशा देने की यह पहल है, जो आने वाले समय में जिले की पहचान भी बन सकती है.