कालानमक चावल के लिए रिसर्च सेंटर बनाएगी योगी सरकार, कीट प्रतिरोधी किस्में होंगी विकसित

प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया है कि प्रदेश सरकार काला नमक चावल के लिए एक नया रिसर्च सेंटर बनाने की तैयारी में है, जहां पर कीट प्रतिरोधी किस्मों को विकसित किया जाएगा.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 14 Jun, 2025 | 11:35 AM

काला नमक चावल उत्तर प्रदेश की पहचान है और अब इस पहचान को अंतराराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने और इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक नई पहल की है. दरअसल, उत्तर प्रदेश में जल्द ही काला नमक चावल के लिए एक रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा. इस रिसर्च सेंटर में काला नमक चावल की ऐसी किस्मों को विकसित करने पर जोर दिया जाएगा जो कि अच्छी क्वालिटी और रोग प्रतिरोधी होंगी.

बीजों की क्वालिटी सुधारने पर होगा जोर

घरेलू बाजार में काला नमक चावल 250 से 300 रुपये प्रति किग्रा की दर से बिकता है. उत्तर प्रदेश की पारंपरिक और सुगंधित धान की इस किस्म को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के उद्देश्य से यूपी सरकार ने ये फैसला लिया है. यूपी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) के साथ मिलकर प्रीमियम काला नमक चावल के लिए यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में एक नया रिसर्च सेंटर बनाने की योजना बनाई है. ताकि काला नमक चावल के एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जा सके. बता दें कि यूपी के काला नमक चावल को जीआई (GI) टैग मिल चुका है.

काला नमक चावल की खेती का होगा विस्तार

पीटीआई के हवाले से बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया है कि प्रदेश सरकार काला नमक चावल के लिए एक नया रिसर्च सेंटर बनाने की तैयारी में है जहां पर कीट प्रतिरोधी किस्मों को विकसित करने और बीज की क्वालिटी को सुधारने पर रिसर्च किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस रिसर्ट सेंटर को बनाने का उद्देश्य हे प्रदेश में काला नमक चावल की खेती का विस्तार करना और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसक एक्सपोर्ट करना.

1 लाख हेक्टेयर में खेती करने का लक्ष्य

बता दें कि खरीफ सीजन 2025-26 में प्रदेश सरकार ने काला नमक चावल की खेती के क्षेत्र को 82 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 लाख हेक्टेर करने का लक्ष्य तय किया है. प्रदेश सरकार ने ये कदम इसलिए उठाया है क्योंकि चावल की अन्य किस्मों की तुलना में अपनी अलग विशेष खुशबू और एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण काला नमक चावल की मांग लगातार बढ़ रही है.  इस तरह से काला नमक चावल की खेती करने वाले किसानों को भी काफी फायदा होगा.

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