दलहन फसलों में कातरा कीट के प्रकोप ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. राजस्थान के नागौर समेत कई जिलों में इस कीट के हमले से फसलों के चौपट होने का खतरा मंडरा रहा है. किसानों की शिकायतों पर कृषि वैज्ञानिक खेतों में फसल की जांच करने और कीट के हमले के स्तर को जांचने पहुंच रहे हैं. मूंग, मसूर और मोठ दालों की खेती करने वाले किसान फसल बर्बाद होने की चिंता में डूबे हुए हैं.
राजस्थान के नागौर जिले में खरीफ फसलों पर कातरे कीट का प्रकोप बढ़ रहा है. कातरे से मूंग और मोठ जैसी दलहनी फसलें बर्बाद होने लगी हैं. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार एक मादा कीट 600 से 700 अंडे देती है, जिनसे निकलने वाली लटें यानी कीट 50 फीसदी तक फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह कीट तेजी से अपना परिवार बढ़ा करते हैं. इस कीट से बचाव के लिए किसानों को कृषि वैज्ञानिक सुझाव दे रहे हैं.
दर्जनों गांवों की सैकड़ों हेक्टेयर फसल खतरे में
नागौर के कृषि विभाग के सहायक निदेशक शंकरराम ने किसानों को सलाह दी है कि वे समय रहते कीट नियंत्रण के उपाय करें. इसके लिए कीटनाशक का छिड़काव, खेतों में खाई खोदने जैसे परम्परागत तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं. पिछले कई दिनों से लगातार बादल छाए रहने और बारिश होने के चलते खरीफ फसलों में कातरा का प्रकोप भी बढ़ गया है. नागौर के अलाय, कालड़ी, थलांजू, सथेरण, डेरवा सहित दर्जनों गांवों में कातरा का प्रकोप है. सैकड़ों हेक्टेयर खेतों में खड़ी फसल पर तेजी से बढ़ते कातरा के हमले से किसान चिंतित हैं.
मूंग और मोठ फसल को खा रहा कातरा कीट
बाराणी गांव के किसान नेनाराम ने बताया कि पिछले 15 दिन से उनके गांव बाराणी में कातरा मूंग और मोठ की फसल को चट कर रहा है. इसका प्रकोप लगातार देखने को मिल रहा है, जिससे किसानों की चिंता भी बढ़ गई है. भदवासी, सेवड़ी गांवों के किसानों की भी यही पीड़ा है। खेत में लहलहाते फसल में कातरे द्वारा चट करने से किसान चिंतित हैं.
कृषि विभाग के सहायक निदेशक ने बताया तरीका
प्रसार भारती के अनुसार कृषि विभाग के सहायक निदेशक शंकरराम ने बताया कि कातरे के प्रकोप को देखते हुए कृषि विभाग की ओर से इससे बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है और कर्मचारियों को मैदान में उतारा है जो खेतों में पहुंचकर किसानों के बचाव के तरीके समझा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पारंपरिक तरीके के साथ किसान कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
किसान इन उपायों से फसल बचाएं
खेतों में जगह-जगह घास-कचरा जमाकर जलाएं, ताकि पतंगे इसकी तरफ आकर्षित हो तथा जलकर नष्ट हो जाएं. फसल के आस-पास खाली जमीन या चारागाह में जहां पतंगे अंडे देती हैं, लार्वा निकलने के बाद किसानों को पता चलता है तब किसान सामूहिक रूप से प्रयास करें. खेत में खाई खोदें और कांटेक्ट कीटनाशक का प्रयोग करके आधी लीटर से एक लीटर कीटनाशक को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें जिससे कातरा पर नियंत्रण हो सकता है.
BYTE 01 किसान नेनाराम गांव बाराणी BYTE 02 किसान मेघसिंह गांव भदवासी BYTE 03 किसान डिगी सिंह गांव सेवड़ी BYTE 04 शंकरराम सहायक निदेशक, कृषि विभाग नागौर