मंडी व्यवस्था में सुधार करेगा मध्यप्रदेश, दो शहरों में होंगे मेगा एग्रीकल्चर इवेंट

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर और सतना में कृषि उद्योग सम्मेलनों की घोषणा हुई है. इसके साथ ही राज्य में मंडी की व्यवस्थाओं में सुधार के साथ किसानों को बेहतर बाजार सुविधाएं देने के लिए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है.

नोएडा | Updated On: 21 May, 2025 | 01:36 PM

मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने जा रहा है. राज्य सरकार की योजना के तहत नरसिंहपुर और सतना में आगामी दिनों में दो बड़े कृषि आधारित उद्योग सम्मेलन और कृषि मेले आयोजित किए जाएंगे. इन आयोजनों का मकसद किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण, उन्नत बीज, खाद-खाद्य सामग्री, स्टार्टअप्स और नई तकनीकों से अवगत कराना है। यह पहल न केवल प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाएगी बल्कि मध्यप्रदेश को देश का कृषि उद्योग हब भी बनाएगी.

नरसिंहपुर और सतना में दिखेगा एग्री इंडस्ट्री का भविष्य

बीते दिनों हुई उच्चस्तरीय बैठक में मध्यप्रदेश के कृषि सचिव ने जानकारी दी कि 26 से 28 मई 2025 तक नरसिंहपुर जिला मुख्यालय में कृषि आधारित उद्योग सम्मेलन एवं विशाल कृषि मेला का आयोजन किया जाएगा. इस तीन दिवसीय मेले में दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, शाक-सब्जी उत्पादन, श्रीअन्न (मोटे अनाज), उद्यानिकी, बागवानी, के साथ-साथ उन्नत किस्म के बीज, खाद, उर्वरक और आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया जाएगा.

मेले के दौरान किसानों के लिए अलग-अलग विषयों पर प्रदर्शन, प्रशिक्षण सत्र और तकनीकी जानकारी से जुड़ी गतिविधियां आयोजित होंगी. साथ ही, कृषि उपकरणों की ऑन-द-स्पॉट बुकिंग की सुविधा भी मिलेगी. आयोजन में कृषि स्टार्टअप्स को भी प्रमुखता दी जाएगी, ताकि किसान नई तकनीकों और व्यापार के अवसरों से सीधे जुड़ सकें. यह पहल किसानों को आधुनिक कृषि प्रणाली से जोड़ने और उत्पादन व आय बढ़ाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी. कृषि सचिव ने यह भी बताया कि नरसिंहपुर के बाद, 8 से 10 जून 2025 के बीच सतना में भी इसी तर्ज पर एक विशाल कृषि मेला सह कृषक सम्मेलन आयोजित किया जाना प्रस्तावित है.

किसानों को मिलेगा बेहतर बाजार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की मंडियों को किसानों के लिए आदर्श और सुविधाजनक बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मंडियों में फसल आधारित मॉडल बनाए जाएं ताकि फल, सब्जी, मसाला जैसी विशिष्ट मंडियों का रोडमैप तैयार हो, मंडी शुल्क की राशि का उपयोग किसानों के कल्याण के लिए किया जाएगा. इसके अलावा नई मंडियों की स्थापना और भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए स्थानीय निकायों के साथ समन्वय किया जाएगा. यह पहल किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने और उनकी उपज की उचित कीमत सुनिश्चित करने में सहायक होगी.

मोटे अनाजों की होगी सीधी खरीद

मुख्यमंत्री ने श्रीअन्न फसलों जैसे रागी, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा और मक्का के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा इनकी सीधी खरीद का ऐलान किया है. तुअर उत्पादकों को बेहतर बीज, खाद और अनुदान के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही फसल बीमा और फसल आधारित अनुदान योजनाओं से किसानों की आय को सुरक्षित रखने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों की जगह उन्नत किस्म के बीज और आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल बढ़ाना जरूरी है. इन फसलों को अच्छी पैदावार के लिए अनुदान की राशि भी बढ़ाई जाएगी ताकि प्रदेश के किसान आर्थिक रूप से मजबूत हों.

Published: 21 May, 2025 | 01:36 PM