किसानों को अमीर बना सकती है कीवी की खेती, जानिए बेस्ट किस्में और फार्मिंग प्रॉसेस

कीवी फल अपनी पौष्टिकता और स्वास्थ्य लाभों के चलते काफी लोकप्रिय होने के साथ ही मंहगा भी होता है. अच्छी कीमत और हमेशा बाजार मांग को देखते हुए कीवी की खेती को लेकर किसानों में दिलचस्पी बढ़ी है.

Kisan India
नोएडा | Published: 17 Jun, 2025 | 06:45 AM

आज के समय में कीवी फल (Actinidia deliciosa) किसानों के बीच एक लोकप्रिय फल बनता जा रहा है. चीन से निकला यह अद्भुत फल, जिसे चाइनीज गूजबेरी या न्यूजीलैंड का चमत्कार भी कहा जाता है, अब भारत के कई हिस्सों में भी उगाया जा रहा है. खासकर अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, दार्जिलिंग और तमिलनाडु के नीलगिरी हिल्स जैसे इलाकों में इसकी खेती खूब हो रही है. देश में लगभग 4,000 हेक्टेयर क्षेत्र में कीवी की खेती हो रही है और सालाना लगभग 13,000 मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा है.

कीवी फल अपनी पौष्टिकता के लिए जाना जाता है. इसमें विटामिन C, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य कई जैविक सक्रिय तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें मौजूद क्लोरोफिल, बीटा-कैरोटीन, विटामिन A, B1, B2, B3, B6 और B9 जैसे पोषक तत्व इसे एक सुपरफूड बनाते हैं. कीवी की बाजार में हमेशा मांग बनी रहने और अच्छी कीमत मिलने के चलते यह किसानों की अच्छी आमदनी कराने वाली खेती बनी है. इसके चलते कीवी की खेती को लेकर किसानों में दिलचस्पी भी बढ़ रही है.

कीवी के लिए जरूरी मौसम और मिट्टी

कीवी एक ऐसा बेल पौधा हैं जिसे ठंडे मौसम में बीज, कलम या ग्राफ्टिंग से तैयार किए जा सकते हैं. मिट्टी की बात करें तो कीवी गहरी, उपजाऊ और अच्छी तरह से जल निकासी वाली रेतीली-दोमट मिट्टी में बेहतरीन परिणाम देती है. इसकी सही बढ़वार और फूल-फल के लिए 700 से 800 घंटे तक 7 डिग्री सेल्सियस से नीचे का तापमान जरूरी होता है. गर्मी में अगर तापमान 35 डिग्री से ज्यादा हो जाए तो पत्तियां झुलस सकती हैं. भारत में इसे समुद्र तल से 800 से 1,500 मीटर ऊंचाई पर अच्छी तरह से उगाया जा सकता है.

कीवी की प्रमुख किस्में

  • – अबॉट: जल्दी फूलने और पकने वाली किस्म.
  • – एलिसन: भारी उत्पादन करने वाली, हिमाचल प्रदेश के लिए उपयुक्त.
  • – ब्रूनो: कम ठंड में भी अच्छी तरह फूलने वाली किस्म.
  • – हैवर्ड: थोड़ा कम उत्पादन वाली लेकिन बाजार में मांग वाली किस्म.
  • – मोंटी: देर से फूलने वाली लेकिन जल्दी पकने वाली किस्म.
  • – तोमुरी: एक बेहतरीन परागण किस्म, खासकर हैवर्ड के लिए.

कीवी का रोपण और देखभाल

कीवी की खेती के लिए सौम्य ढलान वाली जमीन सबसे अच्छी होती है. रोपाई से पहले दिसंबर में खेत तैयार कर लेना चाहिए. रोपण के लिए 4-5 मीटर की दूरी रखी जाती है. जनवरी में रोपाई करना उपयुक्त माना जाता है. कीवी की बेलों को ‘टी-बार’ या ‘पेर्गोला’ सिस्टम में प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे फलों को हवा से नुकसान नहीं होता. टी-बार सिस्टम में पहले साल मुख्य तने को ऊंचा किया जाता है और बाद में उससे साइड शाखाएं फैलायी जाती हैं.

कीवी की सिंचाई, खाद और छंटाई

गर्मी के मौसम में नियमित सिंचाई जरूरी है, वरना फलों का आकार छोटा रह सकता है. हर साल मिट्टी की जांच के आधार पर खाद देना चाहिए. एक पौधे को सालाना 20 किलो गोबर की खाद और 0.5 किलो एनपीके दिया जाता है. पांच साल के बाद नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की मात्रा बढ़ा दी जाती है. इसके साथ ही कीवी के पौधे की दो बार छंटाई की जाती है. गर्मी में और सर्दियों में. इससे बेलों में संतुलित विकास होता है और उत्पादन अच्छा रहता है.

लगभग 25 टन प्रति हेक्टेयर की उपज

फलों की मिठास सही स्तर पर आने पर तुड़ाई करनी चाहिए. सबसे बड़े फलों को पहले तोड़ा जाता है. हार्ड फलों को बाजार में आसानी से ले जाया जा सकता है. एक बेल से 50 से 100 किलो तक फल प्राप्त हो सकते हैं और पूरी तरह तैयार बाग से लगभग 25 टन प्रति हेक्टेयर उपज मिल सकती है. फलों को वजन के आधार पर तीन ग्रेडों में बांटा जाता है ग्रेड A 100 ग्राम से ज्यादा, ग्रेड B 60-100 ग्राम और ग्रेड C 60 ग्राम से कम. सही तरीके से स्टोर करने पर कीवी फलों को 5-6 महीने तक ताजा रखा जा सकता है.

Published: 17 Jun, 2025 | 06:45 AM

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