बैन के बावजूद दूसरे राज्यों से प्रतिबंधित धान के बीज खरीद रहे किसान, बताई ये वजह

पंजाब सरकार द्वारा हाइब्रिड धान पर रोक के बावजूद किसान हरियाणा-हिमाचल से बीज ला रहे हैं. किसानों का कहना है कि ये किस्में कम पानी में ज्यादा उपज देती हैं.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Published: 20 May, 2025 | 07:49 PM

पंजाब सरकार ने हाइब्रिड धान की किस्मों पर रोक लगा दी है, लेकिन इसके बावजूद लुधियाना जिले में कई किसान अभी भी हाइब्रिड धान की खेती करने पर अड़े हुए हैं. ऐसे किसान अब हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से जैसे पड़ोसी राज्यों से हाइब्रिड बीज खरीद रहे हैं. इस वक्त राज्य में धान की बुवाई का समय चल रहा है. ऐसे में कृषि विभाग बीजों की बिक्री पर सख्त नजर रख रहा है और बीज दुकानों पर लगातार जांच कर रहा है. 2024-25 के खरीफ सीजन में पंजाब के कई राइस मिलर्स ने खराब मिलिंग रिकवरी के कारण हाइब्रिड धान की किस्में खरीदने से इनकार कर दिया था.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य कृषि अधिकारी गुरदीप सिंह ने कहा कि विभाग पूरी सख्ती से निगरानी कर रहा है और दुकानों पर निरीक्षण हो रहा है, ताकि कोई भी प्रतिबंधित बीज न बेच सके. हाल ही में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ने जगराांव में भी जांच की और किसी भी दुकान पर नियमों का उल्लंघन नहीं पाया गया.

डीलर वसूल रहे ज्यादा रेट

इस बीच, जो किसान हाइब्रिड धान की किस्में बोना चाहते हैं, वे अब बीज खरीदने के लिए हरियाणा तक जा रहे हैं. जोधन गांव के एक किसान ने कहा कि सरकार का कहना है कि हाइब्रिड किस्मों से चावल की रिकवरी और टूटे चावल की मात्रा ज्यादा होती है. लेकिन ये किस्में कम पानी में ज्यादा उपज देती हैं और किसानों की आमदनी बढ़ाती हैं. किसान ने कहा कि मैंने हरियाणा से सावा 7301 और सावा 7501 किस्म के 20 किलो बीज खरीदे हैं, जो मेरे खेत के एक हिस्से के लिए काफी हैं. बाकी खेत के लिए मुझे शायद दोबारा हरियाणा जाना पड़ेगा. हालांकि, डीलर किसानों से ज्यादा दाम वसूल रहे हैं.

दूसरे राज्यों से मंगवा रहे बीज

रायकोट के एक और किसान बलबीर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने रिश्तेदार के जरिए हरियाणा और हिमाचल के डीलरों से हाइब्रिड बीज मंगवाए हैं. वे कहते हैं कि जब दूसरे राज्य हाइब्रिड किस्में उगा रहे हैं, तब पंजाब सरकार को इस पर रोक नहीं लगानी चाहिए थी. ये किस्में कम समय में ज्यादा पैदावार देती हैं और पानी की भी बचत होती है, फिर भी सरकार ने इन पर बैन लगा दिया है.

किसानों के लिए बन गया है जरूरत

बलबीर सिंह का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार ने इन हाइब्रिड किस्मों को ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के परीक्षणों के बाद मंजूरी दी है. इसलिए राज्य सरकार इस पर पाबंदी नहीं लगा सकती. किसानों का कहना है कि मुक्तसर, फाजिल्का, मानसा और बठिंडा जैसे इलाकों में,जहां भूजल खारा है और पारंपरिक किस्में नहीं पनपतीं, वहां हाइब्रिड धान एक जरूरत बन चुका है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%