पपीते को खराब कर देते हैं ये खतरनाक कीट, किसान इन उपायों से बचाएं फसल

पपीता की खेती करने वाले किसानों को इन दिनों कीटों की वजह से फसल में नुकसान झेलना पड़ रहा है. यहां पर किसानों को कीटों की पहचान और उनसे बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं.

नोएडा | Updated On: 4 Jun, 2025 | 04:54 PM

पपीता एक ऐसा फल है जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद पोषक तत्व इसे सेहत के लिए अच्छा बनाते हैं. बाजार में इसकी मांग सालभर रहती है, किसान भी इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. लेकिन कई बार सही जानकारी न होने के कारण या किसानों की लापरवाही के कारण पपीते में कीट लग जाते हैं. जिसके कारण पपीते के उत्पादन और क्वालिटी दोनों पर फर्क पड़ता है. खबर में आगे बात करेंगे पपीते में लगने वाले तीन खतरनाक कीटों की और किसान कैसे कर सकते हैं बचाव.

पपीते में लगने वाले 3 खतरनाक कीट

एफिड (Aphids)

एफिड एक ऐसी कीट है जो पौधों की पत्तियों पर आक्रमण करता है. यह पत्तियों का रस चूस लेते हैं जिसके कारण पत्तियां मुरझा जाती हैं और कई तरह के वायरस भी फैलते हैं जो कि फसल को नुकसान पहुंचाते हैं.

ऐसे करें बचाव

पपीते को एफिड से बचाने के लिए किसान नीम के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. 5 मिली नीम के तेल को प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर इसका छिड़काव करें. इसके अलावा किसान इमिडाक्लोप्रिड कीटनाशका का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. 0.3 मिली इमिडाक्लोप्रिड को प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

मीली बग (Mealy Bug)

इस कीट के लगने से फल और पौधों में कालापन आने लगता है, साथ ही फफूंद भी लगने लगती है. ये कीट फलों से रस भी चूस लेते हैं जिसके कारण फसल खराब हो जाती है.

बचाव के उपाय

मीली बग से फसल को बचाने के लिए फसल को नीम के तेल या साबुन के पानी से धोना चाहिए. इसके अलावा किसान कीटनाशका का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. 2 मिली क्लोरपायरीफॉस को प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर इसका छिड़काव करें.

रेड स्पाइडर माइट्स (Red Spider Mites)

फसल पर इस कीट के लगने से पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, आगे चलकर ये पत्तियां मुरझाकर पौधे से गिर जाती हैं. जिसके कारण पौधे का सही से विकास नहीं हो पाता है.

कैसे करें बचाव

पपीते की फसल को रेड स्पाइडर माइट्स से बचाने के लिए फसल पर सल्फर पाउजर का छिड़काव करें. इसके इस्तेमाल से पपीते की फसल को इस खतरनाक कीट से बचाया जा सकता है.

Published: 4 Jun, 2025 | 04:54 PM