बीते माह यूपी में अपना कहर बरपाने वाले बर्ड फ्लू ने अब दिल्ली में पैर पसार लिए हैं. दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क (राष्ट्रीय चिड़ियाघर) में बर्ड फ्लू का कहर देखा जा रहा है और कई पक्षी संक्रमित पाए गए हैं. जबकि, सोमवार को मरने वाले पक्षियों की संख्या बढ़कर 15 हो गई. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कुछ प्रवासी पेंटेड स्टॉर्क्स में H5N1 वायरस पाया गया है, जो बर्ड फ्लू का खतरनाक रूप है. शुक्रवार से ही चिड़ियाघर को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है और अब संक्रमण को रोकने के लिए लगातार निगरानी और साफ-सफाई का काम किया जा रहा है.
अब तक 15 पक्षियों की मौत
नेशनल जूलॉजिकल पार्क में अब तक कुल 15 पक्षियों की मौत हो चुकी है. इनमें छह प्रवासी पेंटेड स्टॉर्क्स, तीन ब्लैक-नेक्ड आइबिस और छह अन्य पेंटेड स्टॉर्क्स शामिल हैं. ये सभी पक्षी मुख्य रूप से जलपक्षियों के एरिया जैसे एवियरी और तालाबों के पास पाए गए थे. यही वो इलाके हैं जहां से सबसे पहले बर्ड फ्लू के लक्षण सामने आए थे.
बर्ड फ्लू की पुष्टि, चिड़ियाघर बंद
चिड़ियाघर प्रशासन को शुक्रवार को यह पुष्टि हुई कि पक्षियों में बर्ड फ्लू है, जिसके बाद एहतियात के तौर पर चिड़ियाघर को तुरंत बंद कर दिया गया. यह निर्णय लिया गया ताकि वायरस का फैलाव रोका जा सके और बाकी पक्षियों, जानवरों और चिड़ियाघर में काम करने वाले कर्मचारियों को संक्रमण से बचाया जा सके.
सख्त निगरानी और सफाई अभियान जारी
चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. संजीत कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू से बचाव के लिए केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार सख्त निगरानी और बायो-सिक्योरिटी उपाय अपनाए जा रहे हैं. जानवरों के बाड़ों और पक्षियों के रहने की जगहों की दिन में दो बार सफाई की जा रही है. इसके लिए विशेष तरह का वायरस मारने वाला रसायन (वायरुसीड) इस्तेमाल किया जा रहा है.
सैंपल की जांच में मिला H5N1 वायरस
शनिवार को तालाब क्षेत्र से मृत पेंटेड स्टॉर्क्स के सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हाई सेक्योरिटी एनिमल डिजीज (NIHSAD) भेजे गए थे. वहां से यह पुष्टि हुई कि इन पक्षियों में H5N1 वायरस मौजूद है. यह वायरस इंसानों के लिए भी खतरनाक माना जाता है, इसलिए सावधानी बरती जा रही है.
कर्मचारियों की जांच और विशेषज्ञों की बैठक
संक्रमण की आशंका को देखते हुए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की एक टीम मंगलवार को चिड़ियाघर का दौरा करेगी. टीम यह सुनिश्चित करेगी कि चिड़ियाघर में काम करने वाले कर्मचारियों में किसी को संक्रमण तो नहीं हुआ है. इसके अलावा, चिड़ियाघर की हेल्थ एडवाइजरी कमेटी की एक वर्चुअल इमरजेंसी बैठक बुलाई गई है, जिसमें IVRI इज्जतनगर और हिसार व मथुरा के वेटरनरी कॉलेजों के विशेषज्ञ शामिल होंगे. बैठक में यह तय किया जाएगा कि संक्रमण को और फैलने से कैसे रोका जाए और आगे क्या-क्या कदम उठाए जाएं.