पशुपालकों को अब इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा शहर, 774 नए कर्मचारी गांवों में करेंगे पशुओं की देखभाल

राजस्थान सरकार ने पशुपालकों को राहत देते हुए पशुपालन विभाग में 774 कार्मिकों के पदस्थापन के आदेश जारी किए हैं. इससे गांवों और दूर-दराज के इलाकों में पशु चिकित्सा सेवाएं मजबूत होंगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा.

नोएडा | Published: 27 Dec, 2025 | 05:20 PM

Rajasthan News: राजस्थान के गांवों में रहने वाले पशुपालकों के लिए राहत की खबर है. लंबे समय से पशुओं के इलाज, टीकाकरण और सलाह के लिए शहरों की दौड़ लगाने को मजबूर ग्रामीण परिवारों को अब बड़ी सुविधा मिलने जा रही है. राजस्थान सरकार ने पशुपालन विभाग में 774 कार्मिकों के पदस्थापन के आदेश जारी कर दिए हैं. इस फैसले से गांवों और दूर-दराज के इलाकों में पशु सेवाएं मजबूत होंगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा.

पशुपालन राजस्थान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़

राजस्थान में पशुपालन केवल एक काम नहीं, बल्कि लाखों परिवारों की आजीविका का आधार है. गांवों में दूध, पशु उत्पाद और पशुधन से ही कई घरों की रोजी-रोटी चलती है. छोटे और सीमांत किसान  पशुपालन पर काफी हद तक निर्भर रहते हैं. ऐसे में सरकार का यह कदम पशुपालकों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. सरकार का मानना है कि अगर पशु स्वस्थ रहेंगे, तो दूध उत्पादन  बढ़ेगा और गांवों की आय में सीधा इजाफा होगा.

774 नए पदस्थापन से सेवाओं को मिलेगी मजबूती

पशुपालन विभाग के अनुसार, इससे पहले विभाग में 2589 पदों पर नियुक्तियां पूरी की जा चुकी हैं. अब 774 शेष पशुधन निरीक्षकों  और पशु परिचरों के पदस्थापन से विभाग की ताकत और बढ़ेगी. इन कार्मिकों की तैनाती गांवों और सुदूर क्षेत्रों में की जाएगी, ताकि पशुपालकों को समय पर इलाज और सलाह मिल सके. इससे पशुओं की बीमारियों पर समय रहते नियंत्रण हो पाएगा और मृत्यु दर में भी कमी आएगी.

गांव स्तर पर मिलेगा इलाज, समय और पैसा दोनों बचेंगे

नए पदस्थापन के बाद ग्रामीण पशुपालकों  को छोटे-छोटे इलाज के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा. अब टीकाकरण, प्राथमिक इलाज और रोगों की पहचान गांव स्तर पर ही हो सकेगी. इससे पशुपालकों का समय और पैसा दोनों बचेगा. साथ ही पशुओं की नियमित देखभाल से दूध उत्पादन बेहतर होगा, जिसका सीधा फायदा ग्रामीण परिवारों  की आमदनी पर पड़ेगा. यह फैसला खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद माना जा रहा है, जहां पहले संसाधनों की कमी थी.

सरकार का लक्ष्य: आत्मनिर्भर गांव और मजबूत पशुपालन

राजस्थान सरकार का मानना है कि मजबूत पशुपालन व्यवस्था ही ग्रामीण आत्मनिर्भरता की नींव है. पशुओं की सेहत बेहतर होने से न सिर्फ पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि गांवों में रोजगार  के अवसर भी बढ़ेंगे. विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी नए कार्मिक जल्द से जल्द अपना कार्यभार संभालें और योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे.

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