जुताई से लेकर बुवाई तक करती है यह मशीन, सीमांत किसानों के लिए है वरदान से कम नहीं.. जानें रेट

पावर टिलर नामक मशीन आज छोटे और सीमांत किसानों के लिए खेती को आसान और किफायती बनाने में मददगार साबित हो रही है. यह न केवल खेत की जुताई करता है, बल्कि कई अन्य कृषि कार्यों में भी उपयोगी है.

Kisan India
नोएडा | Published: 2 Nov, 2025 | 11:30 PM

Power Tiller: खेती में सबसे महत्वपूर्ण जुताई और बुवाई होती है. जुताई खेती की सबसे पहली चरण होती है. इसमें समय और श्रम की सबसे बड़ी चुनौती होती है. खासकर छोटे और मध्यम किसानों के लिए खेत की जुताई के साथ गुड़ाई और बीज बोने जैसे कार्य परंपरागत औजारों से करना बेहद कठिन और समय लेने वाला होता है. लेकिन आधुनिक तकनीक ने इस चुनौती को काफी हद तक कम कर दिया है. ऐसे में पावर टिलर नामक मशीन आज छोटे और मध्यम किसानों के लिए खेती को आसान और किफायती बनाने में मददगार साबित हो रही है. यह न केवल खेत की जुताई करता है, बल्कि कई अन्य कृषि कार्यों में भी उपयोगी है. इसलिए किसानों के लिए जरुरी है वे पावर टिलर के विषय में जानकारी हासिल कर लें.

क्या होता है पावर टिलर

पावर टिलर एक बहुउपयोगी कृषि मशीन है जिसे मिनी ट्रैक्टर  भी कहा जाता है. यह डीजल इंजन से चलती है और खेती के लगभग हर काम में इस्तेमाल की जा सकती है. पावर टिलर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह छोटे खेतों में भी आसानी से काम कर सकता है, जहां बड़े ट्रैक्टर का उपयोग संभव नहीं होता. इसका उपयोग जुताई, गुड़ाई, क्यारियां बनाने, बीज बोने, खाद डालने और सिंचाई पंप चलाने तक में किया जा सकता है. इसके अलावा, कुछ पावर टिलर से कटाई और ढुलाई जैसे कार्य भी किए जा सकते हैं. यह मशीन किसानों को एक ही उपकरण से कई तरह का काम करने की सुविधा देती है, जिससे लागत और श्रम दोनों की बचत होती है.

पावर टिलर के प्रकार

भारत में पावर टिलर कई प्रकार के उपलब्ध हैं. इन्हें मुख्य रूप से उनकी क्षमता और उपयोग के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है. मिनी पावर टिलर छोटे किसानों के लिए उपयुक्त होते हैं, जिनका उपयोग छोटे खेतों और सब्जियों की खेती  में किया जाता है. मध्यम क्षमता वाले पावर टिलर उन किसानों के बीच लोकप्रिय हैं जो 2 से 5 एकड़ तक खेती करते हैं. वहीं, हाई-कैपेसिटी पावर टिलर बड़े किसानों के लिए बनाए जाते हैं, जो अधिक शक्ति और उन्नत सुविधाओं से लैस होते हैं. भारत में कई कंपनियां जैसे कि कुबोटा, ग्रेव्स, वीएसटी टिलर्स, किर्लोस्कर और महिंद्रा अलग-अलग प्रकार के पावर टिलर बनाती हैं.

इतने में मिलेगी पावर टिलर

कीमत की बात करें तो भारत में पावर टिलर की कीमत उसकी क्षमता, ब्रांड और मॉडल के अनुसार अलग-अलग होती है. मिनी पावर टिलर की कीमत लगभग 80 हजार रुपये से शुरू होकर 1.5 लाख रुपये तक जाती है. मध्यम क्षमता वाले पावर टिलर की कीमत 1.5 लाख रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक हो सकती है. वहीं, हाई-कैपेसिटी और एडवांस फीचर्स वाले पावर टिलर की कीमत 3 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक हो सकती है. सरकार भी कई बार किसानों को पावर टिलर खरीदने पर सब्सिडी उपलब्ध कराती है, जिससे यह मशीन और भी सस्ती हो जाती है.

कुल मिलाकर बात यह है कि पावर टिलर छोटे और मध्यम किसानों के लिए खेती का एक बहुउपयोगी और सस्ता साधन है. इससे न केवल समय और श्रम की बचत होती है, बल्कि खेती के कई काम एक ही मशीन से पूरे हो जाते हैं. आने वाले समय में जैसे-जैसे किसान आधुनिक उपकरणों को अपनाएंगे, पावर टिलर भारतीय कृषि में और भी अहम भूमिका निभाएगा और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक साबित होगा.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 2 Nov, 2025 | 11:30 PM

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?