10 हजार की लागत में लाखों का मुनाफा, किसानों के लिए वरदान बनी सब्जी की खेती

रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही किसान सब्जियों की खेती के लिए ऐसी सब्जी का चुनाव करने की कोशिश करते हैं जो उन्हें कम समय में अच्छे उत्पादन के साथ ही अच्छी कमाई भी दे जाए. ऐसी ही एक फसल है अरबी की जिसकी खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 5 Oct, 2025 | 11:05 AM

Arbi Farming: अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों की यही कोशिश रहती है कि वे ऐसी फसलों का चुनाव करें जो कम समय और कम लागत में उन्हें अच्छा मुनाफा दे जाएं. ऐसी ही एक फसल है अरबी (Taro) की फसल, जो कि वर्तमान में किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. अरबी की खेती करने वाले किसानों के लिए खास बात ये है कि वे केवल 10 हजार रुपये की लगात में इसकी खेती से 1 से 1.5 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं. बता दें कि, अरबी की मांग बाजार में हर समय बनी रहती है और यही कारण है कि किसान अब इसकी खेती बड़े पैमाने पर करने लगे हैं.

किसानों को कैसे मिलेगा फायदा

कम लागत, कम सिंचाई और कम देखभाल में तैयार हो जाने के कारण, अरबी की खेती किसानों के लिए कमाई का एक बेहतर जरिया बनकर उभर रही है. सब्जी, चिप्स या फिर फ्रोजन प्रोडक्ट्स बनाने के लिए अरबी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. यही कारण है कि बाजार में अरबी की मांग सालभर बनी रहती है. अरबी की खेती की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे किसी भी तरह के खेत में आसानी से उगाया जा सकता है. किसानों को इसकी प्रति एकड़ फसल के लिए 8 से 10 किलोग्राम बीजों की जरूरत होती है.

कमाई का पूरा गणित

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अरबी के खेती करने वाले किसानों को कुल लागत के लिए 8 हजार से 10 हजार रुपये तक का खर्च करना पड़ता है. बात करें प्रति एकड़ फसल से मिलने वाली पैदावार की तो इसकी फसल से किसान को 80 से 100 क्विंटल तक उपज मिलती है. बाजार में अरबी की औसत कीमत 20 रुपये से 30 रुपये प्रति किलोग्राम होती है. इस हिसाब से अरबी की फसल से किसान 1.6 लाख से 3 लाख तक की शुद्ध कमाई कर सकते हैं. कमाई से लागत को घटा दिया जाए तो अरबी की खेती से 1.5 लाख रुपये तक की शुद्ध कमाई की जा सकती है.

ऐसे करें अरबी की खेती

अरबी की खेती के लिए सबसे पहले खेत की अच्छे से 3 से 4 बार गहरी जुताई करें और मिट्टी में गोबर की खाद या कंपोस्ट जरूर मिलाएं. बता दें कि, मिट्टी में अरबी के बीजों या गांठों को 2 से 3 फीट की दूरी पर लगाएं. बात करें सिंचाई की तो अरबी की फसल को बुवाई के बाद 20 से 25 दिन तक नियमित रूप से सिंचाई करें , इसके बाद जरूरत के अनुसार ही पानी दें. वैसे तो अरबी की फसल में कीटों और रोगों का खतरा बहुत कम होता है लेकिन फिर भी जरूरत पड़ने पर किसान नीम आधारित जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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Published: 5 Oct, 2025 | 11:05 AM

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