BL Agro ने यूपी, बिहार और राजस्थान में देसी गायों की ब्रीडिंग और डेयरी टेक्नोलॉजी में किया निवेश

बरेली की खाद्य उत्पाद कंपनी बीएल एग्रो ने पशुपालन और डेयरी टेक्नोलॉजी में बड़ा निवेश करने की योजना बनाई है, जिससे देसी गायों की नस्लों में सुधार और दूध उत्पादन में वृद्धि हो सके.

Kisan India
Noida | Published: 16 Mar, 2025 | 09:30 AM

बरेली की मशहूर खाद्य उत्पाद कंपनी BL Agro, जो अपने सरसों तेल ब्रांड Bail Kolhu के लिए जानी जाती है, अब यह पशुपालन और डेयरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी बड़ा निवेश करने जा रही है. कंपनी ने अगले पांच सालों में 3,000 करोड़ निवेश करने की योजना बनाई है, जिससे देसी गायों की नस्लों का सुधार, दूध उत्पादन में वृद्धि, और कंप्रेस्ड बायोगैस निर्माण को बढ़ावा मिल सके.

किसने  किया उद्घाटन

इस योजना की शुरुआत 8 मार्च को बरेली में हुई. जहां केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने इस परियोजना का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि यह पहल देश के किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती हैं, क्योंकि इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और वह डेयरी उद्योग में खुद को अधिक आत्मनिर्भर बना सकेंगे.

देसी गायों की नस्ल सुधारने की पहल

BL Agro के CEO नवनीत रविकर ने बताया कि कंपनी ने 2022 में BL Kamdhenu प्रोजेक्ट लॉन्च किया था, जिसका उद्देश्य एंब्रियो ट्रांसफर तकनीक के जरिए भारतीय देसी गायों की नस्लों को सुधारना है. इस पहल के तहत, उत्तर प्रदेश में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर काउ ब्रीडिंग एंड डेयरी टेक्नोलॉजी’ स्थापित किया गया है

बता दें की यह प्रोजेक्ट गुजरात से शुरू किया जाना था, लेकिन बाद में यूपी सरकार के सहयोग के कारण इसे बरेली में लॉन्च किया गया. BL Agro ने इस पहल के लिए ब्राजील की “एसोसिएशन ऑफ ज़ेबू ब्रीडर्स (ABCZ)” के साथ पार्ट्नर्शिप की है, जिससे भारतीय गायों की नस्लों में सुधार के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा सकें.

AI और जीन एडिटिंग से नस्ल में सुधार

CEO नवनीत रविकर ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और एंब्रियो ट्रांसफर तकनीक का उपयोग किया जाएगा. यह तकनीक किसानों को यह समझने में मदद करेगी कि गायों को कितना और किस तरह का चारा खिलाना चाहिए, उनमें कितना प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, हरा चारा और भूसा होना चाहिए, जिससे दूध उत्पादन अधिक हो सके.

उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि गंगा के किनारे पाए जाने वाली गंगा तिरी जैसी नस्लें या हिमालयी क्षेत्रों की जलवायु अनुकूल गायें हालांकि मजबूत होती हैं, लेकिन दूध उत्पादन कम होता है. इस प्रोजेक्ट के मदद से इन गायों को नस्ल सुधार और जीन एडिटिंग के जरिए ज्यादा दूध देने लायक बनाया जाएगा, ताकि वे किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी साबित हो सकें.

किसानों के लिए सुनहरा अवसर

BL Agro किसानों को बेहतर नस्ल की गायें देगा और उनका प्रशिक्षण भी करेगा. इसके अलावा, एक पशु आहार (फीड) प्लांट भी स्थापित किया जाएगा, ताकि किसानों को पौष्टिक पशु आहार आसानी से उपलब्ध हो सके

क्या BL Agro किसानों से दूध खरीदेगी?

इस पर CEO ने बताया कि कंपनी दूध वितरण नहीं करेगा. किन्तु कंपनी अलग-अलग स्थानों पर चिलिंग प्लांट लगाएगी, जिससे किसान दूध को सही कीमत पर बेच सकेंगे. कंपनी सिर्फ घी, मोज़ेरेला चीज़ और अन्य डेयरी उत्पादों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करेगी.

इसके साथ ही वह कहते हैं की बरेली में एक आधुनिक मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी. और अगले पांच सालों में कई और प्रोसेसिंग यूनिट्स शुरू की जाएंगी, ताकि प्रतिदिन 3 लाख लीटर दूध प्रोसेस किया जा सके.

बैंकों से फंडिंग का मिलेगा समर्थन

BL Agro इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए मुख्य रूप से बैंकों से फंडिंग प्राप्त करने की योजना बना रही है. CEO नवनीत रविकर ने बताया कि कई बैंक इस परियोजना में निवेश करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है और यह एक लाभदायक पहल मानी जा रही है.

किसानों और अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा

BL Agro के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष खंडेलवाल ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य एक सस्टेनेबल और सर्कुलर अर्थव्यवस्था बनाना है, जो कृषि अपशिष्ट को कम करे और स्थानीय समुदाय को मजबूत बनाए. इसके साथ ही वह कहते हैं की सेंटर ऑफ एक्सीलेंस किसानों को नई डेयरी टेक्नोलॉजी सीखने का मौका देगा. जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और वे डेयरी व्यवसाय में आत्मनिर्भर बन सकेंगे. कंपनी की इस पहल से उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.

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Published: 16 Mar, 2025 | 09:30 AM

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