शेड की सफाई से लेकर टीकाकरण तक, बकरी-मुर्गी पालन ऐसे बनेगा फायदे का सौदा

बकरी और मुर्गी पालन को साथ करने से किसानों को चारा, पानी और देखभाल जैसी लागतें साझा करने में मदद मिलती है जिससे खर्च कम होता है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 17 Jun, 2025 | 06:00 AM

खेती के साथ अगर कोई ऐसा व्यवसाय जोड़ दिया जाए जो कम लागत में ज्यादा आमदनी दे सके तो किसानों की आमदनी तेजी से बढ़ सकती है. ऐसा ही एक मॉडल है बकरी और मुर्गी पालन का संयुक्त व्यवसाय. इस मॉडल में सही देखभाल, साफ-सफाई और आहार का खास ध्यान रखा जाए तो बहुत कम लागत में अच्छी कमाई हो सकती है.

औषधीय गुणों वाले चारे से सेहतमंद पशु-पक्षी

बकरी पालन में नीम, बरसीम, गूलर, अमरूद और जामुन के पत्ते बेहतरीन चारा माने जाते हैं. इन पत्तों में औषधीय गुण भी होते हैं, जो बकरियों को बीमारियों से दूर रखते हैं. यही चारा थोड़ा संसाधित कर मुर्गियों को भी खिलाया जा सकता है. इससे मुर्गियों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है और उनकी वृद्धि तेज होती है. इस तरह एक ही चारा दोनों के लिए फायदेमंद बन जाता है.

साफ-सफाई और टीकाकरण जरूरी

बकरी और मुर्गी पालन में सफाई का सबसे अहम रोल होता है. इसलिए, शेड को हर दिन साफ करना जरूरी है. क्योंकि, अगर गंदगी होगी तो बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही समय-समय पर बकरियों और मुर्गियों का टीकाकरण कराना भी जरूरी है. टीकाकरण से गंभीर बीमारियों से बचाव होता है और जानवर लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं.

कम्पोस्ट खाद से होगी फसल में बढ़ोतरी

बकरियों की मेंगनी से कम्पोस्ट खाद तैयार की जा सकती है. इस खाद को खेतों में डालने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है. इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी का एक और जरिया मिल जाता है. यानी पशुपालन से निकलने वाले गोबर को भी कमाई में बदला जा सकता है.

एक साथ पालन से घटती है लागत

बकरी और मुर्गी पालन को साथ करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि दोनों में कई संसाधन साझा हो जाते हैं, जैसे चारा, पानी, देखभाल और शेड की जगह. इससे पालन की कुल लागत काफी कम हो जाती है. वहीं, बकरी का दूध और मांस तथा मुर्गी के अंडे और मीट की बाजार में लगातार अच्छी मांग बनी रहती है. अगर वैज्ञानिक तरीके से पालन किया जाए तो हर साल किसानों को अच्छी कमाई हो सकती है.

शुरुआत में मेहनत फिर कई गुना कमाई

शुरुआत में इस व्यवसाय में थोड़ी मेहनत जरूर करनी पड़ती है. लेकिन एक बार सब सिस्टम सेट हो जाए तो कमाई कई गुना बढ़ जाती है. खेती के साथ इस व्यवसाय को जोड़ने से किसान के पास आय का एक मजबूत और स्थिर जरिया तैयार हो जाता है.

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Published: 17 Jun, 2025 | 06:00 AM

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