सर्दियों में खेतों में उगने वाला बथुआ किसी आम खरपतवार की तरह नजर आता है, लेकिन पशुओं के लिए यह बेहद फायदेमंद चारा साबित होता है. यह दूध बढ़ाने, शरीर को गर्म रखने और पाचन सुधारने में मदद करता है. आसानी से उपलब्ध यह पौधा किसानों और पशुपालकों दोनों के लिए सर्दियों में बड़ा सहायक बन जाता है.
सर्दियों में मवेशियों पर ठंड का असर तेजी से बढ़ जाता है. ठंडी हवा, मौसम बदलना और बीमारियों का खतरा दूध उत्पादन कम कर देते हैं. ऐसे समय में कुछ सरल उपाय अपनाकर मवेशियों को सुरक्षित रखा जा सकता है. सही रख-रखाव, अच्छा आहार और समय पर देखभाल से उनकी सेहत और दूध दोनों बेहतर रहते हैं.
सर्दियों में पशु सुस्त हो जाते हैं और दूध उत्पादन घटता है. ऐसे में देसी मिश्रण उन्हें ऊर्जा और गर्माहट देकर बेहतर सेहत और उत्पादन में मदद करता है. यह पारंपरिक आहार ठंड के मौसम में पशुओं के लिए प्रभावी माना जाता है.
Fodder Seeds : सर्दियों में दुधारू पशुओं के लिए पौष्टिक चारा सबसे जरूरी माना जाता है. NSC अब किसानों के लिए खास Berseem BL-43 बीज उपलब्ध करा रहा है, जिससे दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलती है. यह बीज घर बैठे मंगाया जा सकता है और डेयरी किसानों के लिए यह एक किफायती और फायदेमंद विकल्प बन रहा है.
Fish Farming : सर्दियों में तापमान तेजी से गिरने पर मछलियों की गतिविधि और भूख कम हो जाती है. ऐसे में तालाब प्रबंधन, पानी का तापमान और सही आहार बेहद जरूरी हो जाता है. सरकार ने मछली पालकों को सावधान रहने और सरल तरीकों से तालाब की देखभाल करने की सलाह दी है ताकि उत्पादन पर असर न पड़े.
सर्दियों में गायों पर ठंड का असर तेजी से बढ़ जाता है, जिससे उनकी सेहत और दूध उत्पादन पर बड़ा असर पड़ता है. मौसम बदलते ही पशुपालकों को अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होती है. सुरक्षित जगह, बेहतर देखभाल और थोड़ी सतर्कता से गाय को गंभीर बीमारी और नुकसान से बचाया जा सकता है.