सर्रा एक जानलेवा बीमारी है, जो डंस मक्खी के काटने से घोड़ों और दूसरे पशुओं में फैलती है. समय रहते लक्षण पहचानकर इलाज शुरू कर देना जरूरी है, वरना जान जाने का खतरा बढ़ जाता है.
बरसात के मौसम में पशुपालकों की छोटी-छोटी लापरवाहियां पशुओं की जान पर भारी पड़ सकती हैं. ये 5 बड़ी गलतियां हैं जो पशु को गंभीर बीमारियों में डाल सकती हैं. अगर समय पर ध्यान दिया जाए तो पशु की सेहत भी बचेगी और इलाज पर होने वाला खर्च भी.
बरसात आई नहीं कि मछलीपालकों की टेंशन बढ़ जाती है. क्योंकि तालाबों में EUS नाम की बीमारी दस्तक दे देती है. अगर इसका वक्त रहते इलाज न हो तो पूरी की पूरी मछली मर जाती है.
बरसात में बकरियों को गंदे बर्तनों में दाना-पानी देने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे दस्त और बुखार जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
लंगड़ा बुखार एक बेहद खतरनाक और तेजी से फैलने वाली बैक्टीरियल बीमारी है, जो आमतौर पर गाय, भैंस और बछड़ों में देखने को मिलती है. यदि समय पर इलाज न मिले तो पशु की मौत 24 से 48 घंटे में हो सकती है.
जुलाई की बारिश में नमी और गंदगी बढ़ने से भेड़ों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में सावधानी और नियमित देखभाल से ही बारिश के मौसम में भेड़ों को स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सकता है.