इन तरीकों से बढ़ाएं गाय-भैंस का दूध, इंजेक्शन की नहीं पड़ेगी जरूरत.. असर एक हफ्ते में दिखेगा

गाय-भैंस में दूध बढ़ाने के लिए इंजेक्शन की जगह प्यार, पोषण और देखभाल अपनाएं. ऑक्सीटोसिन हार्मोन प्राकृतिक रूप से बढ़ेगा, जिससे पशु स्वस्थ रहेगा और दूध उत्पादन में सुधार होगा. यह तरीका सुरक्षित और असरदार है.

Kisan India
नोएडा | Published: 22 Aug, 2025 | 01:45 PM

गांव के किसी कोने में बैठे बुजुर्ग आज भी ये कहते हैं- गाय को जितना दुलारोगे, उतना दूध देगी. आजकल कई लोग दूध बढ़ाने के लिए शॉर्टकट अपनाते हैं, जैसे ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह तरीका गाय के लिए तो खतरनाक है ही, दूध पीने वालों के लिए भी जानलेवा हो सकता है? अब समय आ गया है कि हम वापस उन देसी, सुरक्षित और असरदार तरीकों की तरफ लौटें, जो न सिर्फ पशु को खुश रखते हैं बल्कि बिना किसी इंजेक्शन के दूध उत्पादन भी बढ़ाते हैं. आइए जानें कैसे..

क्या है ऑक्सीटोसिन हार्मोन और क्यों है ये जरूरी?

गाय-भैंस में दूध बनने और बहने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाला एक खास हार्मोन होता है- ऑक्सीटोसिन, जिसे आम भाषा में हैप्पी हार्मोन भी कहते हैं. यह हार्मोन मस्तिष्क के हाइपोथेलेमस हिस्से में बनता है और पिट्यूटरी ग्रंथि में जमा होता है. जब पशु शांत, सुरक्षित और खुश होता है, तो यह हार्मोन सक्रिय होकर दूध स्त्राव को बढ़ावा देता है.

इंजेक्शन से दूध तो आता है, लेकिन खतरे भी बढ़ते हैं

कुछ लोग जल्दी लाभ पाने के लिए दुधारू पशुओं को ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन लगाते हैं. इससे तुरन्त दूध निकल आता है, लेकिन यह तरीका बेहद हानिकारक है. इससे न केवल बछड़ों की जान को खतरा होता है, बल्कि इंसानों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है और सबसे बुरा यह कि पशु का शरीर फिर स्वाभाविक रूप से हार्मोन बनाना बंद कर देता है- जिससे वह इंजेक्शन पर निर्भर हो जाता है.

बिना इंजेक्शन के दूध बढ़ाने के देसी और असरदार उपाय

पशु चिकित्सकों का मानना है कि अगर गाय-भैंस खुश रहे, तो ऑक्सीटोसिन हार्मोन खुद-ब-खुद बनने लगता है. इसके लिए अपनाएं ये सरल उपाय-

  • प्यार से व्यवहार करें- कभी भी पशु को न मारें-पीटें.
  • दूध निकालते समय संगीत चलाएं- यह मस्तिष्क को शांति देता है और हार्मोन को सक्रिय करता है.
  • गाय की पीठ सहलाएं- इससे उसे सुकून मिलता है और दूध बहाव बेहतर होता है.
  • पुचकारें, नाम लेकर बुलाएं- जानवर भी भावनाएं समझते हैं, प्यार से बुलाने पर आत्मीयता बढ़ती है.
  • अच्छा पोषण दें- पौष्टिक चारा और साफ पानी हमेशा उपलब्ध हो.
  • दूध बढ़ेगा तो आय भी बढ़ेगी, पशु भी रहेगा स्वस्थ

जब गाय-भैंस खुश और स्वस्थ होगी, तो उसका शरीर पूरी क्षमता से दूध पैदा करेगा. इसका असर सीधा आपकी आमदनी पर पड़ेगा. दूध की मात्रा बढ़ेगी, गुणवत्ता बेहतर होगी और दूध से जुड़े उत्पाद जैसे दही, घी, मक्खन आदि ज्यादा बनेंगे. साथ ही, पशु बार-बार बीमार नहीं पड़ेगा, जिससे इलाज पर खर्च भी घटेगा.

पुरानी पीढ़ियों के देसी नुस्खे ही हैं असली समाधान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गांवों में वर्षों से अपनाए जा रहे देसी तरीके आज भी कारगर साबित हो रहे हैं. पुराने समय में न कोई इंजेक्शन था, न ही दवाइयों पर निर्भरता, फिर भी गायें भरपूर दूध देती थीं. इसका मुख्य कारण था पशुओं के साथ अपनाया जाने वाला अपनापन और देखभाल. उन्हें परिवार के सदस्य की तरह समझा और प्यार दिया जाता था. पोषक चारा, साफ-सफाई और पुचकार जैसे छोटे-छोटे उपाय ही उनकी सेहत का रहस्य थे. आज भी यदि इन प्राकृतिक तरीकों को अपनाया जाए, तो बिना किसी नुकसान या खर्च के दूध उत्पादन में बढ़ोतरी संभव है और पशु भी स्वस्थ रहते हैं.

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Published: 22 Aug, 2025 | 01:45 PM

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