Milk Production : गाय-भैंस का दूध अचानक कम हो गया है? ये 5 देसी तरीके अपनाइए

दुधारू पशुओं का दूध कम होना पशुपालकों की आम समस्या है. इसकी बड़ी वजह सही देखभाल और संतुलित आहार की कमी होती है. अगर साफ-सफाई, चारे, मौसम के अनुसार देखभाल और पोषण पर ध्यान दिया जाए, तो दूध उत्पादन में तेजी से सुधार देखा जा सकता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 26 Dec, 2025 | 01:25 PM
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Animal Husbandry : गांवों में खेती के साथ पशुपालन आज भी आमदनी का मजबूत सहारा बना हुआ है. सुबह-शाम दूध बेचकर घर का खर्च चलता है, बच्चों की पढ़ाई होती है और जरूरतें पूरी होती हैं. लेकिन कई बार गाय, भैंस या बकरी का दूध अचानक कम होने लगता है. ऐसे में पशुपालक परेशान हो जाते हैं. दरअसल, दूध कम होने की बड़ी वजह सही देखभाल और संतुलित आहार की कमी होती है. अगर दुधारू पशुओं की सेहत पर थोड़ा ध्यान दिया जाए, तो दूध उत्पादन तेजी से बढ़ सकता है और कमाई में भी साफ फर्क नजर आता है.

साफ-सफाई और आराम सबसे जरूरी

दुधारू पशुओं से अच्छा दूध तभी मिलेगा, जब वे स्वस्थ और आराम में हों. इसके लिए पशुशाला की साफ-सफाई सबसे जरूरी है. जहां पशु बंधे हों, वहां गंदगी, कीचड़ और गोबर जमा न होने दें. साफ जगह पर रहने से बीमारियों का खतरा कम होता है. साथ ही पशुओं को लेटने और उठने के लिए पर्याप्त जगह मिलनी चाहिए. दूध निकालने का समय रोज एक जैसा रखें और दूध निकालते समय पशु को डराएं नहीं. शांत माहौल में दूध निकालने से उत्पादन बेहतर रहता है.

ताजा चारा और संतुलित आहार का कमाल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दूध बढ़ाने  में सबसे बड़ा रोल चारे का होता है. पशुओं को रोज ताजा और साफ चारा दें. हरा चारा, सूखा भूसा और दाना-तीनों का सही संतुलन जरूरी है. दाने में ज्वार, बाजरा और मक्का मिलाने से दूध उत्पादन  अच्छा रहता है. इसके साथ ही प्रोटीन युक्त आहार भी बेहद जरूरी है. दाल, तिलहन की खली और अन्य प्रोटीन वाले पदार्थ पशु की ताकत बढ़ाते हैं और दूध बनाने की क्षमता को मजबूत करते हैं.

मौसम के हिसाब से देखभाल जरूरी

हर मौसम में पशुओं की जरूरत  बदल जाती है. गर्मियों में पशुओं को रोज नहलाना चाहिए, ताकि उन्हें गर्मी और कीड़ों से राहत मिले. ठंडा और साफ पानी पीने को दें, जिससे शरीर में पानी की कमी न हो. सर्दियों में पशुओं को ठंड  से बचाना बहुत जरूरी है. ठंड लगने से उनका पाचन कमजोर हो जाता है और दूध कम हो सकता है. ऐसे में रात के समय पशुओं को बोरा या कपड़ा ओढ़ाना फायदेमंद रहता है. पशुशाला में हवा का सही आवागमन भी बना रहना चाहिए.

खनिज, विटामिन और वसा से बढ़ेगा दूध

दुधारू पशुओं के लिए सिर्फ चारा ही काफी नहीं होता. उनके शरीर को खनिज और विटामिन्स की भी जरूरत होती है. पशु के दाने में खनिज मिश्रण और विटामिन्स मिलाकर देना चाहिए. इससे हड्डियां मजबूत  होती हैं और दूध की मात्रा बढ़ती है. वसा की पूर्ति के लिए सरसों की खली, तिल की खली, मूंगफली की खली या अलसी की खली देना फायदेमंद माना जाता है. इससे दूध की क्वालिटी भी बेहतर होती है. इसके अलावा गेहूं का दलिया और चोकर भी दूध बढ़ाने में मदद करते हैं.

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