महंगी दवाओं की जरूरत नहीं, हरा चारा बरसीम बढ़ाएगा पशुओं का दूध और बीमारियां होंगी दूर

Dairy Farming: मवेशियों में दूध की कमी, कमजोरी और प्रजनन समस्या का समाधान सही आहार से संभव है. हरा चारा पशुओं की सेहत सुधारने में अहम भूमिका निभाता है. यह उपाय सस्ता, आसान और हर पशुपालक के लिए लाभकारी माना जा रहा है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 14 Dec, 2025 | 03:24 PM

Green Fodder : अगर मवेशी समय पर दूध नहीं दे रहे हैं, बार-बार बीमार पड़ते हैं या पाल नहीं ठहर रही है, तो इसका कारण महंगी दवाएं नहीं बल्कि आहार की कमी हो सकती है. सही हरा चारा मवेशियों की सेहत, दूध उत्पादन और प्रजनन क्षमता तीनों को बेहतर बना सकता है. खास बात यह है कि यह उपाय सस्ता, आसान और हर पशुपालक की पहुंच में है.

विटामिन-A की कमी से होती हैं बड़ी समस्याएं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दुधारू पशुओं  के लिए विटामिन-A बेहद जरूरी पोषक तत्व है. इसकी कमी से मवेशियों में बांझपन, आंखों की कमजोरी, अंधापन और प्रजनन क्षमता में गिरावट जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं. कई बार पशुपालक दूध कम होने या पाल न ठहरने पर महंगे इलाज कराते हैं, लेकिन असली वजह आहार में जरूरी पोषक तत्वों  की कमी होती है. अगर समय रहते हरे चारे को आहार में शामिल कर लिया जाए, तो इन समस्याओं से काफी हद तक बचा जा सकता है.

बरसीम: हरे चारे का राजा

बरसीम को हरे चारे का राजा कहा जाता है. यह सर्दियों में उगने वाली दलहनी फसल  है, जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन-A भरपूर मात्रा में होता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बरसीम में करीब 20 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता है, जो दूध बढ़ाने और मवेशियों को ताकत  देने में मदद करता है. यह घास आसानी से खेतों में उगाई जा सकती है और छोटे-बड़े सभी पशुपालकों के लिए फायदेमंद है. नियमित रूप से बरसीम खिलाने से दूध की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में सुधार देखा गया है.

अन्य हरे चारे भी हैं बेहद फायदेमंद

बरसीम के अलावा नेपियर, ज्वार, जई, सोरघम, राई और बीन ग्रास जैसे हरे चारे भी मवेशियों के लिए लाभकारी माने जाते हैं. इनमें जरूरी विटामिन, मिनरल और फाइबर मौजूद होते हैं, जो पाचन को बेहतर बनाते हैं और शरीर को मजबूत रखते हैं. इसके साथ ही एजोला को भी आहार में शामिल किया जा सकता है, जो प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. इन हरे चारों के नियमित सेवन से मवेशियों में मसल ग्रोथ बेहतर होती  है और बीमारियों का खतरा कम होता है.

कम खर्च में ज्यादा फायदा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर मवेशियों को रोजाना 30 से 40 किलो हरा चारा दिया जाए, तो पशु आहार पर होने वाला खर्च आधे से भी कम हो सकता है. इसमें करीब 5 किलो भूसा और 1 से 1.5 किलो एजोला मिलाकर  देना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. इससे न सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ता है, बल्कि मवेशी लंबे समय तक स्वस्थ भी रहते हैं. सही आहार अपनाकर पशुपालक कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.

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