सर्दियों का मौसम न केवल इंसानों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, बल्कि पशुओं के लिए भी कठिनाई भरा होता है. लगातार गिरता तापमान उनके स्वास्थ्य पर असर डालता है और यदि समय रहते सावधानी न बरती जाए, तो दूध उत्पादन और उनकी वृद्धि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. पशुपालकों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने पशुओं की देखभाल विशेष रूप से करें और ठंड से बचाने के लिए कुछ सरल, लेकिन असरदार उपाय अपनाएं.
पशुओं को ठंड से बचाने के आसान तरीके
ठंड में पशुपालक अपने पशुओं को खुले में नहीं रखें. शाम के बाद उन्हें गर्म कपड़ों या कंबलों से ढक कर सुरक्षित स्थान पर रखें. इससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और वे बीमारियों से बचते हैं. खुले आसमान में रहने से सर्दी के कारण ठंड लग सकती है, जिससे पशु कमजोर हो जाते हैं.
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सर्दियों में पौष्टिक आहार की अहमियत
पशुओं के पोषण पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है. सरसों या बादाम की खली, चुन्नी, गेहूं और दाना अधिक मात्रा में दें. यह उन्हें ऊर्जा और ताकत देता है. ठंड में पशुओं को ठंडा पानी न दें, बल्कि हल्का गर्म या बोरवेल का पानी पिलाएं. सप्ताह में दो बार पानी में हल्दी और गुड़ मिलाने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
पेट और कीड़ों की देखभाल
यदि पशुओं को कृमि नाशक दवा नहीं दी गई है, तो उन्हें पशु चिकित्सालय से दवा ले कर खिलाना जरूरी है. यह उनके पेट में कीड़ों को दूर रखता है. ठंड के कारण बीमार होने पर पशु भोजन कम कर देते हैं, जिससे उनकी ऊर्जा कम होती है और दूध उत्पादन प्रभावित होता है.
रोग और स्वास्थ्य के संकेत
ठंड लगने पर पशु कुछ विशेष लक्षण दिखाते हैं, जैसे नाक या आंख से पानी गिरना, बार-बार पेशाब होना, लगातार हांफना, भूख कम लगना और शरीर में कंपकंपी. इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें. समय रहते उचित देखभाल करने से पशु जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं और गंभीर समस्याओं से बचते हैं.
उचित देखभाल और सावधानी
पशुपालक दिन में पशुओं को धूप में रखें. बीमार होने पर उन्हें गर्म पानी के साथ सूखा और हरा चारा मिलाकर खिलाएं. यदि तब भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता है, तो नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क कर तुरंत उपचार कराएं. समय पर सावधानी और देखभाल से पशु स्वस्थ रहते हैं और दूध उत्पादन में कोई बाधा नहीं आती. र्दियों में पशुओं की देखभाल करने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है और दूध उत्पादन लगातार बना रहता है. सरल उपायों और उचित पोषण से पशु न केवल स्वस्थ रहते हैं बल्कि किसान भी अपने पशुपालन से अधिक लाभ कमा सकते हैं. ठंड में सतर्क रहने और समय पर उपाय करने से किसान अपने पशुओं को बीमारियों से बचा सकते हैं.