अब देसी तरीके से भगाएं मवेशियों के पेट के कीड़े, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

मवेशियों के पेट के कीड़े दूर करने का देसी, सस्ता और सुरक्षित उपाय नीम की खली है. यह खासकर बकरी और भेड़ पालकों के लिए फायदेमंद और असरदार विकल्प है.

Kisan India
नोएडा | Published: 27 Sep, 2025 | 10:28 PM

अब मवेशियों में पेट के कीड़े खत्म करने के लिए रसायनों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. नीम के बीज से बनी खली (Seed Cake) एक ऐसा देसी उपाय है जो न सिर्फ सस्ता है, बल्कि पूरी तरह से सुरक्षित और प्राकृतिक भी है. खासकर बकरी और भेड़ पालने वाले किसानों के लिए यह रामबाण इलाज है.

नीम की खली क्या है?

नीम की खली, नीम के बीजों को तेल निकालने के बाद बची हुई ठोस चीज होती है. इसमें नीम के सारे औषधीय गुण मौजूद रहते हैं. परंपरागत आयुर्वेद में भी नीम को कीटाणुनाशक  और कृमिनाशक माना गया है. यही वजह है कि अब इसका इस्तेमाल पशुओं के इलाज में भी किया जा रहा है. नीम की खली को पीसकर पाउडर बना लिया जाता है, जिसे मवेशियों को उनके चारे में मिलाकर खिलाया जाता है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है, और मवेशियों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है.

पेट के कीड़े क्यों होते हैं और नुकसान क्या है?

बकरी, भेड़ और कई बार गाय-भैंस  में पेट के कीड़े होना आम समस्या है. ये कीड़े अक्सर दूषित चारे या पानी के जरिए शरीर में चले जाते हैं और धीरे-धीरे जानवर की सेहत बिगाड़ते हैं. इससे पशु कमजोर हो जाते हैं, दूध कम देने लगते हैं, वजन घटता है, बाल झड़ते हैं और चमक भी कम हो जाती है. कभी-कभी यह जानलेवा भी हो सकता है. आमतौर पर इसके इलाज के लिए रासायनिक दवाइयां दी जाती हैं, जो नुकसान भी पहुंचा सकती हैं. ऐसे में नीम की खली एक सुरक्षित, देसी और असरदार विकल्प बनकर सामने आई है.

नीम की खली कैसे करें इस्तेमाल?

नीम की खली का इस्तेमाल आसान और कारगर है. इसका पाउडर बनाकर बकरी या भेड़ के चारे में मिला दें. हर 15 दिन में एक बार 50 से 100 ग्राम नीम खली पाउडर चारे के साथ खिलाएं. इसे सूखे या गीले चारे में अच्छी तरह मिलाकर दें ताकि जानवर आराम से खा सकें. यदि आपके पास कई पशु हैं, तो सभी को उनकी उम्र और वजन के अनुसार मात्रा दें. इसका नियमित उपयोग करने से पेट के कीड़े धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं और दोबारा नहीं होते. यह तरीका पूरी तरह सुरक्षित, सस्ता और प्राकृतिक इलाज है.

इसके फायदे क्या हैं?

नीम की खली का नियमित उपयोग पशुओं के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह एक प्राकृतिक कृमिनाशक है जो बिना किसी रसायन के पेट के कीड़ों को खत्म करता है. बाजार की दवाओं की तुलना में यह काफी सस्ती और आसानी से उपलब्ध होती है. इसके सेवन से पशुओं का पाचन तंत्र मजबूत होता है, जिससे उनका वजन और दूध उत्पादन  बेहतर होता है. नीम की खली पूरी तरह सुरक्षित है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता. साथ ही, यह पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है, जिससे वे ज्यादा स्वस्थ और सक्रिय रहते हैं.

कहां से मिलेगी और क्या रखें ध्यान?

नीम की खली आसानी से कृषि केन्द्रों, ऑर्गेनिक खाद विक्रेताओं और आयुर्वेदिक दुकानों पर मिल जाती है. ऑनलाइन भी इसे खरीदा जा सकता है. खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि खली शुद्ध, सूखी और बिना मिलावट की हो. पशुओं को एक बार में अधिक मात्रा न दें, शुरुआत में कम मात्रा से खिलाना बेहतर रहता है. यदि पहली बार उपयोग कर रहे हैं, तो पशु चिकित्सक  से सलाह लेना फायदेमंद होगा. नीम खली को हमेशा सूखे, ठंडे और छायादार स्थान पर सुरक्षित रखें ताकि उसकी गुणवत्ता बनी रहे और लंबे समय तक उपयोग योग्य रहे.

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