Bird flu: ओडिशा के पूरी जिले में लोग बर्ड फ्लू से दशहत में हैं. इसी बीच मत्स्य और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मलिक ने बर्ड फ्लू प्रभावित इलाकों का दौरा किया और हालात की समीक्षा की. पुरी के डेलंगा ब्लॉक के बड़ा अंकुला गांव में बर्ड फ्लू की पुष्टि भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (NIHSAD) ने की थी. इसके बाद प्रशासन ने शनिवार से मुर्गियों को मारने की कार्रवाई शुरू कर दी. अब तक एक किलोमीटर के दायरे में 6,756 मुर्गियों को मारकर सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जा चुका है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री मलिक ने कहा कि तुरंत सात रैपिड रिस्पॉन्स टीमें लगाई गई हैं, जो कुलिंग, सैनिटाइजेशन, डिसइन्फेक्शन और निगरानी का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि हम जनता की सेहत और पोल्ट्री किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए पूरी गंभीरता से कदम उठा रहे हैं. वहीं, मरे हुए पक्षियों के लिए प्रभावित किसानों को केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार दो दिन में मुआवजा दिया जाएगा. जबकि, वायरस को फैलने से रोकने के लिए 10 किलोमीटर के इलाके में बायो-सिक्योरिटी सख्त कर दी गई है.
जीवित मुर्गियों के आने-जाने पर पूरी तरह रोक
पोल्ट्री फार्म्स के बीच गाड़ियों की आवाजाही को कंट्रोल किया जा रहा है और संक्रमण रोकने के लिए सफाई नियम कड़ाई से लागू किए जा रहे हैं. राज्य सरकार ने पोल्ट्री पालकों और स्थानीय लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है. साथ ही पुरी जिले में बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने संक्रमित क्षेत्र में जीवित मुर्गियों के आने-जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.
10 किलोमीटर के दायरे में सख्त निगरानी
एक वरिष्ठ पशुपालन अधिकारी ने कहा कि एपिसेंटर के 10 किलोमीटर के दायरे में सख्त निगरानी की जा रही है और सभी पोल्ट्री यूनिट्स को सेनिटाइज किया जा रहा है. वायरस को फैलने से रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि अब तक किसी इंसान में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट पर है और जूनोटिक ट्रांसमिशन (जानवर से इंसान में संक्रमण) की संभावना पर नजर रखे हुए है. लोगों को सलाह दी गई है कि वे पक्षियों के सीधे संपर्क से बचें, अगर कहीं अचानक मुर्गियों की मौत हो तो तुरंत सूचना दें और बिना घबराए सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें.