राजस्थान के जैसलमेर जिले में कर्रा रोग ने कहर बरपा रहा है. अब तक इस रोग से 38 पशुओं की मौत हो चुकी है. इस पर नियंत्रण पाने के लिए पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने देर रात आपात बैठक बुलाई और जिला कलेक्टरों से लेकर विभागीय अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश दिए. बैठक में उन्होंने प्रचार-प्रसार और जागरूकता पर जोर, कैल्शियम-फॉस्फोरस युक्त आहार की सलाह और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की हिदायत जैसे कई अहम कदम उठाए हैं.
कर्रा रोग से अब तक 38 पशुओं की मौत
जैसलमेर जिले में कर्रा रोग के चलते अब तक 36 पशुओं की और फलौदी क्षेत्र में दो पशुओं की मौत हो चुकी है. यह स्थिति प्रदेश में पशुपालकों के लिए चिंता का कारण बन गई है. इस रोग की गंभीरता को समझते हुए पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने शुक्रवार रात को विभागीय अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई.
बैठक में पशुपालन निदेशक डॉ. आनंद सेजरा समेत विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने साफ शब्दों में कहा कि अब लापरवाही नहीं चलेगी, हर स्तर पर पूरी तैयारी होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस बीमारी से होने वाले नुकसान को रोका जा सके.
जिला कलेक्टरों को दिए निर्देश
बैठक के बाद पशुपालन मंत्री ने जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा और फलौदी जिलों के कलेक्टरों से फोन पर बात की. उन्होंने पशुपालन विभाग के स्टाफ, दवाइयों की उपलब्धता और संसाधनों की समीक्षा की और व्यवस्थाओं को मजबूत करने के निर्देश दिए.
इसके अलावा उन्होंने पशुओं के शवों के वैज्ञानिक तरीके से शीघ्र निस्तारण की व्यवस्था करने को भी कहा ताकि संक्रमण और न फैले. पशुपालन मंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि शवों को समय पर नहीं हटाया गया, तो यह दूसरे पशुओं में बीमारी फैलाने का कारण बन सकता है।
प्रचार-प्रसार और जागरूकता पर जोर
पशुपालन मंत्री ने कहा कि विभाग के सभी कार्मिकों को अपने-अपने क्षेत्रों में पशुपालकों को इस रोग के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सही समय पर जानकारी और उपचार मिलने से कई पशुओं की जान बचाई जा सकती है. मंत्री जोराराम कुमावत ने इस दिशा में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने को कहा ताकि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी जागरूकता फैले और रोग की रोकथाम हो सके.
खुराक में कैल्शियम और फॉस्फोरस का रखें ध्यान
पशुपालन विभाग के अनुसार कर्रा रोग मुख्य रूप से पशुओं में हरे चारे, कैल्शियम और फॉस्फोरस की कमी से होता है. इस स्थिति में पशु मृत पशुओं की हड्डियां चबाने लगते हैं, जिससे बोचुलिज्म नामक संक्रमण फैलता है और पशु की मौत हो सकती है. पशुपालन मंत्री ने पशुपालकों से अपील की कि वे अपने पशुओं को संतुलित आहार दें, जिसमें आवश्यक मिनरल्स और पोषक तत्व हों, ताकि रोग की आशंका को जड़ से समाप्त किया जा सके.
दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए
पशुपालन मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि प्रभावित जिलों में मिनरल मिक्सर, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे नियमित रूप से स्टॉक की समीक्षा करें ताकि किसी भी आपात स्थिति में दवाइयों की कमी ना हो.