सिर्फ 11 हजार रुपये में मिलेगा मुर्रा नर भैंसा, नस्ल सुधार के साथ खूब होगी कमाई.. किसान योजना का लाभ लें

सरकार ने भैंसों की नस्ल सुधारने के लिए एक खास योजना शुरू की है, जिसमें पशुपालकों को मुर्रा भैंसा खरीद पर अनुदान दिया जाता है. इससे गांवों में दूध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आमदनी में सुधार होगा. योजना सभी पशुपालकों के लिए खुली है और आवेदन प्रक्रिया बेहद आसान रखी गई है. ऐसे में आइए जानते हैं इस योजनाा के बारे में...

नोएडा | Published: 5 Dec, 2025 | 03:18 PM

Samunnat Pashu Prajanan Yojana : पशुपालन आज खेती-किसानी का सबसे भरोसेमंद सहारा बन चुका है. दूध की बढ़ती मांग और डेयरी उद्योग के विस्तार को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार लगातार नए कदम उठा रही है. प्रदेश सरकार की ओर से 1 अगस्त 2008 से एक खास योजना शुरू की गई, जिसका नाम समुन्नत पशु प्रजनन योजना है. जिसके तहत प्रगतिशील पशुपालकों और प्रशिक्षित गो-सेवकों को पेडीग्रिड प्रजनन योग्य मुर्रा नर भैंसा (Buffalo Breeder) उपलब्ध कराए जाते हैं.

मुर्रा भैंस देशभर में सबसे अच्छी नस्ल मानी जाती है और इसके दूध की गुणवत्ता और मात्रा दोनों ही जबरदस्त होती हैं. इस योजना का उद्देश्य है कि हर गांव में बेहतर प्रजनन सुविधाएं मिलें और देशी भैंसों की नस्ल पीढ़ी दर पीढ़ी मजबूत होती चले. आइए जानते हैं कि इस योजना को लाभ कौन ले सकता है…

किसको मिलेगा इसका लाभ

मध्य प्रदेश के सभी जिलों में यह योजना लागू है और किसी भी वर्ग के पशुपालक इसका लाभ ले सकते हैं. न तो जाति की रुकावट है, न आय की. लेकिन एक जरूरी शर्त है-जो पशुपालक इस योजना का फायदा लेना चाहता है, उसके पास कम से कम पांच देशी भैंस  वंशीय पशु होने चाहिए. योजना का लक्ष्य उन परिवारों को प्रोत्साहित करना है, जो पहले से भैंस पालन कर रहे हैं और अब अपनी डेयरी को आगे बढ़ाना चाहते हैं. मुर्रा भैंसा मिलने से किसानों को घर के पास ही बेहतर नस्ल की प्रजनन सुविधा मिल जाती है, जिससे नई पीढ़ी की भैंसें मजबूत, स्वस्थ और ज्यादा दूध देने वाली बनती हैं.

कम खर्च में मिलेगा मुर्रा नर भैंसा

मुर्रा नर भैंसा की इकाई लागत 45,000 रुपये तय की गई है, जिसमें उसका परिवहन और बीमा भी शामिल है. राहत की बात यह है कि सरकार इस पर 75 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. यानी पशुपालक को सिर्फ 25 प्रतिशत राशि यानी करीब 11,250 रुपये ही देने होते हैं. यह रकम पशुपालक और विभाग  के संयुक्त बैंक खाते में जमा कराई जाती है. जब सांड आपको मिल जाता है, तब खाते से राशि निकालकर विक्रेता को दी जाती है. सरकार की यह व्यवस्था इसलिए भी खास है क्योंकि इससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहती है और यह सुनिश्चित होता है कि असली लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे.

कैसे करें आवेदन

समुन्नत पशु प्रजनन योजना का लाभ लेना बिल्कुल आसान है. शुरुआत ग्राम सभा से होती है, जहां इच्छुक पशुपालक का नाम स्वीकृत किया जाता है. इसके बाद सूची जनपद पंचायत के पास जाती है, जहां उसकी पात्रता की जांच  होती है. जनपद पंचायत से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव जिला पंचायत की कृषि स्थायी समिति में जाता है, जहां अंतिम स्वीकृति दी जाती है. इसके बाद स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी आपसे संपर्क करते हैं और योजना की प्रक्रिया पूरी कराते हैं. पशुपालकों के लिए यह चरण कठिन नहीं हैं, क्योंकि हर स्तर पर अधिकारियों का मार्गदर्शन मिलता रहता है.

पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु औषधालय प्रभारी या जिला उपसंचालक से संपर्क कर योजना से जुड़ी हर जानकारी आसानी से मिल सकती है. यह योजना उन पशुपालकों के लिए वरदान है, जो कम निवेश में अपनी डेयरी को मजबूत और आधुनिक बनाना चाहते हैं. सही समय पर आवेदन कर गांव की नस्ल सुधार क्रांति में शामिल हों और अपनी आमदनी को नई ऊंचाई दें.

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