Rajasthan Scheme : गांवों में दुधारू पशु न सिर्फ घर की जरूरतें पूरी करते हैं, बल्कि कई परिवारों की कमाई का मुख्य साधन भी होते हैं. ऐसे में किसी गाय या भैंस की अचानक मौत पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति को हिला देती है. इसी परेशानी को खत्म करने के लिए राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू की है. यह योजना पशुपालकों को सुरक्षा का ऐसा कवच दे रही है, जिसके तहत अब उन्हें अपने पशुओं पर 10 लाख रुपये तक का बीमा लाभ मिलेगा. सरकार का लक्ष्य है कि आकस्मिक घटना होने पर पशुपालकों को आर्थिक झटका न लगे और उनकी आजीविका सुरक्षित रहे.
गांव-गांव शिविर और मोबाइल से आसान रजिस्ट्रेशन
राज्य सरकार ने 1 दिसंबर से फरवरी तक पूरे राजस्थान में पंजीकरण शिविर लगाने की शुरुआत कर दी है. इन शिविरों में पशुपालन विभाग के डॉक्टर पशु का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे और मौके पर ही पंजीकरण की औपचारिकताएं पूरी करेंगे. यह व्यवस्था खास तौर पर उन ग्रामीण इलाकों के लिए है जहां लोग शहर या ब्लॉक कार्यालय तक जाना मुश्किल समझते हैं. इसके साथ ही सरकार ने मोबाइल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी शुरू कर दी है, जिससे पशुपालक अपने घर बैठे ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं. मोबाइल पर ओटीपी आने से प्रक्रिया न सिर्फ आसान हुई है बल्कि पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी भी हो गई है.
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दुधारू गाय-भैंस को 10 लाख तक का बीमा कवर
योजना में इस बार बड़ा बदलाव करते हुए दुधारू गाय और भैंस का बीमा कवर 10-10 लाख रुपये तक कर दिया गया है. यही नहीं, भेड़ों और बकरियों के लिए भी 10-10 लाख रुपये तक का कवर रखा गया है, जबकि ऊंटों पर 2 लाख रुपये तक बीमा मिलेगा. यह बीमा पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा. प्रत्येक पशु के कान में लगे 12 अंकों के ईयर टैग से उसकी पहचान सुनिश्चित होगी, ताकि बीमा प्रक्रिया बिल्कुल पारदर्शी रहे. सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा पशुपालक इस योजना का लाभ उठाएँ और उनके पशुधन की सुरक्षा हो सके.
कम दस्तावेज, सरल प्रक्रिया और तेज क्लेम सुविधा
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा है कि पंजीकरण के लिए बहुत अधिक दस्तावेज की जरूरत नहीं है. केवल जनाधार कार्ड, जनाधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, पशु की फोटो और ईयर टैग नंबर से ही पूरा रजिस्ट्रेशन हो जाता है. एक जनाधार कार्ड से कई पशुओं का पंजीकरण भी किया जा सकता है. क्लेम प्रक्रिया को भी काफी आसान बनाया गया है. अब पशु की मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम करवाने की आवश्यकता नहीं है. केवल पशु चिकित्सक द्वारा जारी किया गया डेथ सर्टिफिकेट ही बीमा राशि प्राप्त करने के लिए पर्याप्त होगा. इससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी.
जल्दी कराएं रजिस्ट्रेशन, अपडेट रखें बैंक विवरण
अधिकारियों ने पशुपालकों से अपील की है कि वे पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराएँ. साथ ही जनाधार से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट अपडेट रखना जरूरी है, ताकि बीमा राशि मिलने में कोई दिक्कत न हो. इस समय मुंहपका–खुरपका टीकाकरण अभियान चल रहा है, जिसमें विभागीय कर्मचारी घर-घर जा रहे हैं. इसलिए इसी समय ईयर टैगिंग करवाना सबसे अच्छा मौका है. यह योजना ग्रामीण पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो उनके जीवन में स्थिरता और भरोसा दोनों लाएगी.