सर्दियों में भैंस अचानक क्यों देने लगती है कम दूध? इस छुपी बीमारी को अभी समझ लें
सर्दियों में कई किसानों की भैंस अचानक कमजोर पड़ने लगती है और दूध उत्पादन तेजी से गिर जाता है. इसे अक्सर ठंड का असर समझ लिया जाता है, लेकिन असल वजह एक छुपी बीमारी होती है. समय रहते इसके संकेत पहचान लिए जाएं, तो नुकसान से बचा जा सकता है.
Buffalo Health : जैसे ही सर्दियों की शुरुआत होती है, दुधारू पशुपालकों की चिंता बढ़ने लगती है. कई बार भैंस ठीक-ठाक दिखती है, लेकिन अचानक उसका दूध कम हो जाता है, जुगाली रुक जाती है और वह सुस्त नजर आने लगती है. किसान इसे ठंड का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन असल में यह एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. सर्दियों में भैंसों में मिल्क फीवर नाम की बीमारी तेजी से फैलती है, जो कुछ ही समय में हालत बिगाड़ सकती है.
क्या है मिल्क फीवर और क्यों होता है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिल्क फीवर को आसान भाषा में समझें तो यह भैंस के शरीर में कैल्शियम की भारी कमी से होने वाली बीमारी है. यह समस्या खासतौर पर ब्याने के बाद देखने को मिलती है, जब अचानक दूध उत्पादन बढ़ जाता है. ठंड के मौसम में शरीर कैल्शियम को ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता, जिससे यह कमी और बढ़ जाती है. नतीजा यह होता है कि दूध उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत तक गिर जाता है और भैंस कमजोर पड़ने लगती है.
मिल्क फीवर के शुरुआती लक्षण पहचानें
मिल्क फीवर के लक्षण बहुत साफ होते हैं, लेकिन किसान अक्सर इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. इस बीमारी में भैंस की जुगाली बंद हो जाती है, शरीर ठंडा लगने लगता है और वह गर्दन को मोड़कर अपनी कोख की तरफ रख लेती है. कई मामलों में भैंस खड़ी होने में दिक्कत महसूस करती है, शरीर में कंपकंपी आने लगती है और पाचन पूरी तरह बिगड़ जाता है. हालत ज्यादा खराब होने पर भैंस बेहोश भी हो सकती है.
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दिखते ही करें सही इलाज
अगर मिल्क फीवर के लक्षण नजर आएं तो देरी करना खतरनाक हो सकता है. विशेषज्ञों की सलाह है कि ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. आमतौर पर कैल्शियम की बोतल चढ़ाने से शरीर में कमी जल्दी पूरी हो जाती है और भैंस की हालत में तेजी से सुधार आने लगता है. समय पर इलाज मिलने पर भैंस दोबारा खड़ी हो जाती है और दूध उत्पादन भी धीरे-धीरे सामान्य होने लगता है.
बचाव ही है सबसे आसान उपाय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिल्क फीवर से बचाव के लिए कुछ आसान उपाय बेहद कारगर साबित होते हैं. रोजाना भैंस को मिनरल मिक्सचर या मिनरल सॉल्ट खिलाने से कैल्शियम की कमी नहीं होती. ब्याने के बाद 2-3 दिन तक पूरा दूध एक साथ नहीं निकालना चाहिए. थनों में थोड़ा दूध छोड़ देने से शरीर पर अचानक दबाव नहीं पड़ता और बीमारी का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा सर्दियों में भैंसों को ठंडी हवा से बचाना, सूखा बिछावन देना और संतुलित आहार देना भी जरूरी है. थोड़ी सी सावधानी और सही जानकारी से इस छुपी बीमारी से भैंसों को सुरक्षित रखा जा सकता है और दूध उत्पादन में होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है.