केंद्र और राज्य सरकारों के लगातार प्रोत्साहन और मदद से आज किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक खेती की तरफ अपना रुख कर रहे हैं. सरकार द्वार चलाई जा रही योजनाओं का इस्तेमाल कर किसान खेती में नए प्रयोग कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मध्य प्रदेश के जिले सीहोर के किसान प्रमोद कासनिया ने, जो सरकार की ड्रिप मल्चिंग योजना की मदद से अपने खेतों में तरबूज की सफल खेती कर रहे हैं.
ड्रिप मल्चिंग तकनीक से मिला बेहतर उत्पादन
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के किसान प्रमोद कासनिया पारंपरिक तरीकों से खेती करते थे , जिसमें ज्यादा पानी और ज्यादा मेहनत लगती थी और उत्पादन भी कम होता था. समाचार एजेंसी प्रसार भारती के अनुसार किसान प्रमोद ने बताया कि सरकार की ड्रिप मल्चिंग योजना के बारे में जब उन्हें जानकारी हुई तो उन्होंने इस योजना का लाभ उठाकर अपने खेत में तरबूज की खेती की शुरुआत की, जिससे उन्हें उम्मीद से ज्यादा अच्छा उत्पादन मिला. इसके साथ ही इस तकनीक के इस्तेमाल से खेतों से खरपतवारों की भी समस्या खतम हो गई.
क्या है ड्रिप मल्चिंग योजना
ड्रिप मल्चिंग योजना केंद्र सरकार की ऐसी योजना है जिसके तहत पानी को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है और पानी की बचत होती है. इस योजना के तहत ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग को खेती में एकसाथ इस्तेमाल किया जाता है. इस योजना का उद्देश्य किसानों तक सिंचाई का पानी पहुंचाना, खरपतवारों को कंट्रोल करना और उत्पादन की क्वालिटी में सुधार लाना है. बता दें कि इस योजना के तहत ड्रिप मल्चिंग तकनीक इस्तेमाल करने पर सरकार किसानों को सब्सिडी भी मुहैया कराती है.
कैसे होती है इस तकनीक से खेती
ड्रिप मल्चिंग तकनीक एक आधुनिक खेती की तकनीक है जिसमें दो तकनीकों को मिलाकर फसलों के उत्पादन को बेहतर बनाया जाता है. इस तकनीक में पहले खेतों में ड्रिप सिस्टम लगाया जाता है , जिसमें पौधों की जड़ों के पास बूंद-बूंद कर पानी और खाद दी जाती है. इसके बाद प्लास्टिक या जैविक मल्च से मिट्टी को ढंक दिया जाता है. ऐसा करने से मिट्टी में नमी बनी रहती है जिससे खरपतवारों को कंट्रोल में किया जा सकता है और पौधों के विकास में भी तेजी आती है.
आवेदन और दस्तावेज
- ड्रिप मल्चिंग योजना में आवेदन के लिए अपने राज्य की कृषि या बागवानी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट mphorticulture.gov.in पर जाकर आवेदन किया जा सकता है.
- इसके अलावा किसान योजना का लाभ लेने के लिए जिला कृषि विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.
- आवेदन करते समय आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, मिट्टी की जांच की रिपोर्ट आदि होनी चाहिए.