बगीचे को लाल चींटियों से बचाएं, ये कीटनाशक हैं सबसे असरदार

जब लाल चींटियां अपना डेरा जमा लें, तो यह सुकून जल्दी ही परेशानी में बदल सकता है. ये चींटियां न सिर्फ पौधों को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि इंसानों और पालतू जानवरों को काट भी सकती हैं.

नई दिल्ली | Published: 11 May, 2025 | 11:40 AM

घर का बगीचा हर किसी को सुकून देता है, हरियाली, ताजा सब्जियां और फूलों की खुशबू. लेकिन जब लाल चींटियां वहां अपना डेरा जमा लें, तो यह सुकून जल्दी ही परेशानी में बदल सकता है. ये चींटियां न सिर्फ पौधों को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि इंसानों और पालतू जानवरों को काट भी सकती हैं. कई बार ये घर की दीवारों या गमलों में भी घुस जाती हैं. ऐसे में जब आप तमाम घरेलू नुस्खे अपनाकर भी इनसे मुक्ति नहीं पा पाते, तो इनसे छुटकारा पाने के लिए रासायनिक दवाओं का इस्तेमाल एक प्रभावशाली तरीका है.

बिफेंथ्रिन

बिफेंथ्रिन एक सिंथेटिक पाइरेथ्रॉइड है, जो लंबे समय तक असर दिखाता है. इसे अक्सर बगीचे की चारों ओर एक “परिमित रेखा” (perimeter barrier) की तरह छिड़का जाता है, जिससे चींटियां बगीचे में घुस ही न सकें. यह केवल लाल चींटियों पर ही नहीं, बल्कि मकड़ी और मच्छर जैसे अन्य कीटों पर भी असरदार है. बिफेंथ्रिन को सावधानी से उपयोग करें और इसे सीधे पौधों पर न डालें.

एसेफेट

एसेफेट एक प्रणालीगत कीटनाशक (systemic insecticide) है, जो पौधों की जड़ों से होकर पत्तों तक पहुंचता है. यह चींटियों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे वे मर जाती हैं. एसेफेट दानेदार या तरल दोनों रूपों में मिलती है और इसे मिट्टी में मिलाकर उपयोग किया जाता है. हालांकि, उपयोग से पहले इसकी लेबल पर दिए गए निर्देशों को जरूर पढ़ें क्योंकि यह एक मजबूत रसायन है.

फिप्रोनील

फिप्रोनील लाल चींटियों सहित कई तरह के बगीचे के कीटों पर असर करता है. यह भी कीड़ों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और उन्हें तेजी से निष्क्रिय कर देता है. यह तरल और दानेदार दोनों रूपों में उपलब्ध है और इसे भी मिट्टी में मिलाया जा सकता है. इसका असर तेज होता है और कुछ ही दिनों में फर्क दिखने लगता है.

स्पिनोसैड

अगर आप रसायनों से थोड़ा दूरी बनाकर चलना चाहते हैं, तो स्पिनोसैड एक बेहतरीन प्राकृतिक विकल्प है. यह एक जीवाणु से प्राप्त कीटनाशक है जो कीड़ों को लकवा मारकर खत्म कर देता है. यह भी तरल और दानेदार रूपों में मिलती है और इसका इस्तेमाल मिट्टी में मिलाकर किया जाता है. खास बात यह है कि यह पर्यावरण के लिए तुलनात्मक रूप से सुरक्षित मानी जाती है.

रासायनिक दवाओं के उपयोग में रखें सावधानी

जैसे ही आप किसी भी कीटनाशक का उपयोग करें, कुछ जरूरी सावधानियां जरूर बरतें. हमेशा दस्ताने पहनें, मास्क लगाएं और सीधे संपर्क से बचें. तेज हवा में या जब मिट्टी गीली हो तब छिड़काव न करें. दवाएं हमेशा उनकी मूल बोतल में ही रखें और उन्हें बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें.