राजस्थान के दौसा जिले के गनिपुर गांव के किसान अनूप सिंह पुजारी ने ये साबित कर दिया है कि अगर खेती में थोड़ा जोखिम लिया जाए और नई तकनीक अपनाई जाए तो परंपरागत खेती से कहीं ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. अनूप सिंह ने 2020 में अमरूद की खेती की शुरुआत की थी और अब वे सालाना 5 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं.
भाई के ससुराल से मिला आइडिया
अनूप सिंह अक्सर अपने बड़े भाई के ससुराल सवाई माधोपुर जाया करते थे. वहां उन्होंने देखा कि अमरूद की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. यहीं से उन्हें इस खेती की प्रेरणा मिली. समाचार एजेंजी प्रसार भारती के अनुसार साल 2020 में अनूप ने अमरूद की खेती शुरू की और सवाई माधोपुर से 1,000 पौधे मंगवाए. उन्होंने इन पौधों को अपनी जमीन लगवाया.
5 बीघा में वैज्ञानिक तरीके से की खेती
अनूप ने अपने खेत की 5 बीघा जमीन पर वैज्ञानिक पद्धति से अमरूद के पौधों की रोपाई की. उन्होंने पौधों के बीच उचित दूरी रखी. ताकि हर पेड़ को बढ़ने की पूरी जगह मिले. उन्नत तरीके से पोषण देने के साथ ही देखरेख करने की वजह से 2020 में लगाए गए पौधों से अगले साल से ही फल आना शुरू हो गया और आमदनी भी शुरू हो गई.

Successful Farmer Anoop Singh Dausa
सालाना 5 लाख रुपये की कमाई
अनूप सिंह बताते हैं कि अमरूद की खेती में सालाना करीब 50 हजार रुपये का खर्च आता है, जिसमें दवा, कीटनाशक और मजदूरी शामिल है. अमरूद की फसल आने पर वह बाजार में बेचते हैं. हालांकि, अब उनके थोक ग्राहक बन गए हैं. अमरूद से हर साल उन्हें करीब 5 लाख रुपये की कमाई हो जाती है. यानी लागत के मुकाबले आमदनी कई गुना होती है. अमरूद साल में दो बार फल देता है, जिससे किसानों को अच्छी आमदनी होती है.
बाजार में है अच्छी मांग
अमरूद साल में दो बार फल देता है, जिससे आय भी दोगुनी हो जाती है. जयपुर, दौसा, सिकंदरा, महुआ और सिकराय जैसे शहरों में इनकी अच्छी मांग है. कई व्यापारी सीधे उनके बाग में आकर माल खरीद लेते हैं.इस खेती से उनके पूरे परिवार को रोजगार मिला है और अनूप सिंह अब आत्मनिर्भर किसान बन चुके हैं.