सुमन कुमार चौधरी। बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण कल ही होने वाला है. ऐसे में मतदाताओं की प्रतिक्रिया बहुत शांत नजर आ रही है. पार्टी कार्यकर्ताओं को छोड़ दें तो बहुत ज्यादा उत्साह नहीं दिख रहा है. ऐसे में सरकार को लेकर थोड़ा कंफ्यूजन तो है.
बिहार विधानसभा चुनाव के तहत 6 और 11 नवंबर को होने वाले क्रमशः प्रथम और द्वितीय चरण के मतदान की उलटी गिनती अब शुरू हो चुकी है. अभी तक किसी भी पार्टी या गठबंधन के पक्ष में किसी स्पष्ट लहर के संकेत नहीं मिले हैं, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सबकी सहानुभूति है, यह बात स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आ रही है. हालांकि तेजस्वी यादव को लेकर युवाओं में उत्साह तो है लेकिन विश्वास में कमी नजर आ रही है. ग्राउंड जीरो के आधार पर यही कहा जा सकता है कि इस बार जनता की चुप्पी ने पत्रकारों को भी कंफ्यूज कर दिया है.
कुछ सीटों पर सिर्फ वोटकटुआ साबित हो सकते हैं प्रशांत किशोर
जरा टीवी चैनल्स और सोशल मीडिया पर गौर करें तो वहां भी अजीबो गरीब हालत देखने को मिल रहा है. अब तक आए सात प्रमुख चुनाव पूर्व-सर्वेक्षणों, यथा- लाइवमिंट, जेवीसी पोल, सी वोटर, न्यूज एक्स, लोक पोल, वोट विबे (अमिताभ तिवारी) और अन्य- के रुझानों यानी पोल ऑफ द पोल्स से कुछेक रोचक और कांटे की टक्कर की बात कर रहे हैं. साथ ही यह भी पता चलता है कि त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति में कहीं एनडीए को तो कहीं इंडी गठबंधन को लेने के देने पड़ सकते हैं. जबकि कुछ सीटों पर सिर्फ वोट कटुआ साबित हो तो सकते हैं प्रशांत किशोर.
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सभी प्रदेशों में चुनाव के दौरान चुनाव पंडितों की कहानी खूब चलती है लेकिन बिहार जो सबसे अधिक राजनीतिक चटकारे के लिए जाना जाता रहा है वहां इस बार मशखरे कम लग रहे हैं.
अबतक किसी भी पार्टी के पक्ष में कोई स्पष्ट लहर नहीं
हालांकि अभी तक आये आधा दर्जन से अधिक चुनाव पूर्व सर्वेक्षण सोशल मीडिया पर भी अपनी खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं और बिहारी मतदाताओं के मूड को समझने का स्पष्ट और सबसे ताजा जरिया बने हुए हैं. वहीं, व्यक्तिगत बातचीत से भी पता चल रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अबतक किसी भी पार्टी के पक्ष में कोई स्पष्ट लहर नहीं, लेकिन सूबे के कद्दावर मुख्यमंत्री समझे जाने वाले नीतीश कुमार से सबकी सहानुभूति है.
महिलाओं के अकाउंट में 10 हजार रुपये दिए जाने का असर
हां, एक बात तो साफ है कि महिलाओं के अकाउंट में 10 हजार रुपये दिए जाने का असर जरुर कई हिस्सें में दिख रहा है. उत्तर बिहार में बृहस्पतिवार को ही चुनाव है यह आरजेडी गढ. कहा जाता है लेकिन इस बार बीजेपी और केंद्र सरकार ने मिलकर जमकर घोषणाएं की है ग्राउंड की रिपोर्ट की बात करूं तो एक जनसभा में शामिल महिलाओं से बातचीत में पता चला कि बीजेपी की सभा में जा रहे हैं लेकिन वोट तो आरजेडी को ही देंगी.. फिर एक बात साफ हो जाती है कि मामला बहुत कंप्यूजन वाला है. बहरहाल बात सिर्फ कुछ दिनों की है नजर उसी पर रखते हैं. (लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)