उन्नत किस्म के कॉर्न बीजों पर छूट पाएं किसान, राज्य सरकार का मक्का पर फोकस

बिहार सरकार पारंपरिक खेती से आगे बढ़ते हुए कॉर्न फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है. ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके और फसल विविधीकरण को अपनाया जा सके. किसानों को उन्नत बीजों पर छूट भी दी जा रही है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 15 Apr, 2025 | 09:06 PM

बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर आई है. अब राज्य सरकार पारंपरिक खेती से आगे बढ़ते हुए स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न जैसी अधिक दाम दिलाने वाली फसलों की खेती को प्रोत्साहित कर रही है. बिहार के कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि फसल विविधीकरण के तहत राज्य में ऐसी फसलों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़े और खेती को फायदेमंद बनाया जा सके.

10 एकड़ में कई फसलों की खेती कर रहे उमाशंकर

पटना कृषि भवन में सचिव संजय कुमार अग्रवाल की मुलाकात मुजफ्फरपुर के लक्ष्मण नगर निवासी प्रगतिशील किसान उमा शंकर सिंह से हुई. उन्होंने उमा शंकर सिंह के खेती में किए गए नवाचार और नई तकनीकों को अपनाने की सराहना की. उमा शंकर सिंह उन्नत तरीके से केले, हल्दी, स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न जैसी फसलों की खेती कर रहे हैं. उन्होंने लगभग 10 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं और अच्छी आमदनी हो रही है. वह आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा भी बन गए हैं.

इसके साथ ही कृषि सचिव ने उनकी मेहनत और दूरदर्शिता की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे किसानों को आगे लाना और सहयोग देना विभाग की प्राथमिकता है. उन्होंने यह भी बताया कि अगर अन्य किसान भी मूल्यवर्धित फसलों की ओर बढ़ते हैं, तो राज्य में खेती में बड़ा बदलाव आ सकता है.

कॉर्न बीजों पर 50 फीसदी मिल रही छूट

कृषि सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के तहत किसानों को 75 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा. गरम मौसम के लिए बेबी कॉर्न के बीज पर 50 फीसदी या 500 रुपए प्रति किलोग्राम और स्वीट कॉर्न के बीज पर 50 फीसदी या 1500 रुपए प्रति किलोग्राम का अनुदान दिया जा रहा है. यह बीज किसानों को खेती की लागत घटाने और मुनाफा बढ़ाने में मदद करेगा.

इसके साथ ही, विभाग की ओर से किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ने की भी व्यवस्था की जा रही है. ताकि वह सिर्फ उत्पादन ही नहीं करें, बल्कि अच्छे दामों पर अपनी फसल बेच सकें. कृषि विभाग राज्य के विभिन्न जिलों में किसानों हरसंभव सहायता दी जाएगी.

फसल विविधीकरण से बढे़गी कमाई

कृषि सचिव अग्रवाल ने कहा कि राज्य में खेती को लाभकारी बनाने के लिए फसल विविधीकरण बेहद जरूरी है. यदि किसान सिर्फ गेहूं, धान या मक्का तक सीमित रहेंगे तो आमदनी में विशेष बढ़ोतरी नहीं होगी. लेकिन जैसे ही किसान फल, सब्जी, फूल या बेबी कॉर्न जैसी मूल्यवर्धित फसलों की ओर बढ़ेंगे, तो उनके जीवन में बदलाव आना तय है. विभाग का उद्देश्य है कि खेती को सिर्फ जीविका का साधन न मानकर इसे एक उद्यम के रूप में विकसित किया जाए.

किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगे – सचिव

इसके साथ ही कृषि सचिव ने भरोसा दिलाते हुए कहां कि सरकार भविष्य में भी ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देगी, जो खेती को लाभकारी और आधुनिक बना सकें. किसानों को नई तकनीक से जोड़ना, प्रशिक्षण देना और बाजार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता रहेगी. कृषि विभाग की कोशिश है कि बिहार का हर किसान आत्मनिर्भर बने और खेती को एक सफल व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ा सके.

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Published: 15 Apr, 2025 | 08:53 PM

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