Buffalo Death : राजस्थान के पुष्कर मेले (Rajasthan Pushkar fairs) में इस साल एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे देश को हैरान कर दिया. एक भैंस, जिसकी कीमत करीब 21 करोड़ रुपये बताई जा रही थी, अचानक मौत का शिकार हो गई. यह भैंस मेले की सबसे बड़ी आकर्षण बनी हुई थी- लेकिन अब इसकी मौत ने न सिर्फ लोगों को दुखी किया बल्कि पशु क्रूरता और व्यापारिक लालच पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
मेले की शान बनी 21 करोड़ की भैंस
पुष्कर मेला राजस्थान का प्रसिद्ध पशु मेला है, जहां देशभर से किसान, व्यापारी और पर्यटक आते हैं. इस बार मेले में सबसे ज्यादा चर्चा इसी भैंस की थी, जिसकी कीमत 21 करोड़ रुपये बताई जा रही थी. भैंस को मेले में लाने के लिए खास व्यवस्था की गई थी– ट्रक में वातानुकूलित सिस्टम लगाया गया था, साथ ही उसके खानपान और आराम का पूरा ध्यान रखा गया था. लोग रोजाना हजारों की संख्या में सिर्फ इस भैंस को देखने के लिए पहुंच रहे थे. लेकिन शुक्रवार को अचानक खबर आई कि इसकी तबीयत बिगड़ गई है, और कुछ ही घंटों बाद इसकी मौत हो गई.
डॉक्टरों की कोशिश नाकाम
The Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, जब पशुपालन विभाग को भैंस की तबीयत बिगड़ने की जानकारी मिली, तो तुरंत पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची. डॉक्टरों ने भैंस को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसका शरीर बहुत भारी था और हालत तेजी से बिगड़ती चली गई. कहा जा रहा है कि भैंस को कई बार स्टेरॉयड और हार्मोन इंजेक्शन दिए गए थे ताकि उसका वजन और दूध उत्पादन बढ़ सके. विशेषज्ञों का मानना है कि इसी वजह से उसका शरीर अंदर से कमजोर हो चुका था. इलाज के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने मचाया बवाल
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भैंस की मौत के बाद जो वीडियो सामने आया, उसने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया. वीडियो में भैंस जमीन पर पड़ी नजर आ रही है और उसके आसपास दर्जनों लोग खड़े हैं- कुछ अफसोस जता रहे हैं तो कुछ तस्वीरें और वीडियो बना रहे हैं. वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने भयंकर गुस्सा जताया. एक यूजर ने लिखा– यह अचानक मौत नहीं है, यह एक सोची–समझी साजिश लगती है. वहीं, अभिनेत्री स्नेहा उल्लाल ने लिखा– जानवरों पर क्रूरता का ये सबसे भयानक उदाहरण है. कई यूजर्स ने आरोप लगाया कि कहीं बीमा क्लेम के लिए इस भैंस को जानबूझकर मारा तो नहीं गया.
काले सोने की कीमत और बिजनेस का लालच
भारत में डेयरी व्यवसाय इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है. अच्छी नस्ल की गायें और भैंसें लाखों से लेकर करोड़ों में बिक रही हैं. नीली रावी, मुर्रा और जाफराबादी जैसी नस्लों को ‘काले सोने’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि इनका दूध मोटा, गाढ़ा और बाजार में महंगा बिकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस भैंस को खास तौर पर डेयरी शो और ब्रीडिंग कॉन्ट्रैक्ट के लिए तैयार किया गया था. एक अनुमान के अनुसार, इस भैंस के डीएनए और ब्रीडिंग वैल्यू के कारण ही इसकी कीमत करोड़ों में पहुंची थी. लेकिन अब उसकी मौत के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या पैसे के लालच में इंसान जानवरों को मशीन समझने लगा है?
पुष्कर मेला
राजस्थान का पुष्कर मेला न सिर्फ एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है बल्कि यह राजस्थान की संस्कृति की पहचान भी है. हर साल यहां हजारों ऊंट, घोड़े और भैंसें खरीदी-बेची जाती हैं. मेले में लोक नृत्य, ऊंट दौड़, हस्तशिल्प मेले और पारंपरिक खाने–पीने के स्टॉल लगते हैं. लेकिन इस बार इस घटना ने मेले की खुशियों को मातम में बदल दिया. पशु अधिकार संगठनों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और मांग की है कि भैंस की मौत की जांच की जाए.
पशु क्रूरता पर उठे सवाल, जांच की मांग तेज
पशु प्रेमियों और एनजीओ ने पशु क्रूरता अधिनियम (Animal Cruelty Act) के तहत कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि भैंस पर लगातार हार्मोन, एंटीबायोटिक और इंजेक्शन का प्रयोग व्यापारिक लालच की हदें पार कर गया है. राजस्थान पशुपालन विभाग ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. सोशल मीडिया पर लोग यह सवाल पूछ रहे हैं– जब एक 21 करोड़ की भैंस को नहीं बचाया जा सका, तो बाकी जानवरों का क्या होगा?