पुष्कर मेले में छाया ‘बादल’, 5 साल में बना 285 बच्चों का पिता, कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश!

इस बार पुष्कर मेले में 3000 से ज्यादा पशु पहुंचे हैं जिनमें करीब 2100 घोड़े और 900 ऊंट शामिल हैं. रेतीले मैदान में सजे शाही टेंट, लोकनृत्य, संगीत और पशु व्यापार की हलचल से पूरा पुष्कर किसी त्योहार की तरह चमक रहा है. लोग मोलभाव करते हैं, तस्वीरें खींचते हैं, और बच्चे झूलों में मस्ती करते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 28 Oct, 2025 | 08:44 AM

Pushkar Mela 2025: राजस्थान की रेत पर एक बार फिर रंगों, रौनक और परंपरा का मेला सज चुका है…पुष्कर मेला 2025. ऊंटों की घंटियों की झंकार, लोकगीतों की धुन और पशुपालकों की शाही चाल से पूरा पुष्कर जैसे एक उत्सव में बदल गया है. लेकिन इस बार सबकी निगाहें एक ही नाम पर टिकी हैं, वो है बादल’. सिर्फ 5 साल की उम्र में ही बादल 285 बच्चों का पिता बन चुका है, और यही कारण है कि वो इस साल के मेले का सबसे बड़ा स्टार बन गया है.

नुगरा नस्ल का रॉयल घोड़ा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजस्थान के केकड़ी से आए अश्वपालक राहुल जेतवाल अपने प्यारे घोड़े बादल को लेकर पुष्कर पहुंचे हैं. बादल को देखने के लिए लोग दूर-दूर से उमड़ रहे हैं. राहुल मुस्कुराते हुए कहते हैं, “हम बादल को बेचने नहीं आए हैं, यह हमारे परिवार का हिस्सा है. बस चाहते हैं कि लोग देखें कि भारत में कैसी शाही नस्लें पाली जाती हैं.”

68 इंच ऊंचा, सफेद रंग का, चमकदार कोट वाला यह नुगरा नस्ल का घोड़ा अपनी चाल और ताकत से सबका दिल जीत रहा है. उसकी गर्दन उठाने की अदा और रेत पर दौड़ने का अंदाज देखकर लोग कहते हैं  “ऐसा घोड़ा तो फिल्मों में भी नहीं देखा!”

15 करोड़ की कीमत और 2 लाख की ब्रीडिंग फीस

बादल की कीमत सुनकर किसी की भी आंखें खुली रह जाएं, इसकी कीमत है 15 करोड़ रुपये! इतना ही नहीं, इस शाही घोड़े की ब्रीडिंग फीस करीब 2 लाख रुपये तक पहुंच गई है. यानी, बादल अब सिर्फ ताकत और सुंदरता में नहीं, बल्कि कमाई के मामले में भी किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है.

राहुल बताते हैं कि बादल की प्रजनन क्षमता (breeding ability) इतनी बेहतरीन है कि कई घोड़ा पालक उससे संकरण (mating) कराने के लिए बुकिंग कराते हैं. शायद इसी वजह से वो सिर्फ 5 साल की उम्र में ही 285 बच्चों का पिता बन चुका है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

मैदान में ‘शाबाज’ और ‘भारत ध्वज’ भी

पुष्कर मेला सिर्फ बादल के नाम नहीं है. पंजाब से आए पशुपालक गेरी सिंह अपने घोड़े ‘शाबाज’ के साथ पहुंचे हैं, जिसकी भी कीमत करीब 15 करोड़ रुपये बताई जा रही है. शाबाज अब तक 6 शो जीत चुका है और उसकी ब्रीडिंग फीस भी दो लाख रुपये के करीब है. उनके साथ आए “भारत ध्वज”, “दबंग” और “नागेश्वर” जैसे नाम भी मेले में अपनी ताकत और चाल से दर्शकों को लुभा रहे हैं.

विदेशी सैलानियों की दीवानगी – “ये तो सपनों जैसा मेला है”

अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया से आए सैलानियों के लिए पुष्कर मेला किसी जादुई अनुभव से कम नहीं है. कई विदेशी कहते हैं कि हमने तो सोचा था ये सिर्फ ऊंटों का मेला होगा, लेकिन यहां तो संस्कृति, संगीत और शाही जानवरों का संगम देखने को मिला.”रेगिस्तान की धूप में चमकते ये खूबसूरत घोड़े और ऊंट भारतीय परंपरा का वो रूप दिखा रहे हैं, जो कहीं और नहीं मिलता.

3000 से ज्यादा पशुओं ने बढ़ाई मेले की रौनक

इस बार पुष्कर मेले में 3000 से ज्यादा पशु पहुंचे हैं जिनमें करीब 2100 घोड़े और 900 ऊंट शामिल हैं. रेतीले मैदान में सजे शाही टेंट, लोकनृत्य, संगीत और पशु व्यापार की हलचल से पूरा पुष्कर किसी त्योहार की तरह चमक रहा है. लोग मोलभाव करते हैं, तस्वीरें खींचते हैं, और बच्चे झूलों में मस्ती करते हैं, यही तो है असली राजस्थान की पहचान.

पुष्कर की परंपरा संस्कृति और पशुप्रेम का संगम

पुष्कर मेला 2025 की शुरुआत 22 अक्टूबर से हुई थी और इसका औपचारिक उद्घाटन 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा करने वाले हैं. हर साल की तरह इस बार भी यह मेला सिर्फ व्यापार का नहीं, बल्कि संस्कृति, श्रद्धा और पशुप्रेम का संगम बन गया है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?