मॉनसून में लगाएं ये 5 फलों के पेड़ और कमाएं सालों साल मुनाफा

बरसात का मौसम खेती-बाड़ी में निवेश करने का बेहतरीन समय है. अगर किसान खरीफ फसलों के साथ-साथ फलदार पेड़ों की बागवानी पर ध्यान दें, तो आने वाले 3-4 सालों में उन्हें दोगुना फायदा मिल सकता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 26 Aug, 2025 | 11:23 AM

भारत में बरसात का मौसम सिर्फ धान और मक्का जैसी खरीफ फसलों के लिए ही नहीं, बल्कि फलदार पेड़ों की बागवानी के लिए भी सबसे अनुकूल समय माना जाता है. इस मौसम में खेतों में प्राकृतिक नमी बनी रहती है, जिससे सिंचाई का खर्च बचता है और पौधे जल्दी जड़ पकड़ लेते हैं. अगर किसान इस सीजन में कुछ खास फलों के पौधे लगाएं, तो आने वाले सालों में उन्हें अच्छी आमदनी हो सकती है. आइए जानते हैं किन-किन फलों के पेड़ इस बरसात में लगाना सबसे फायदेमंद रहेगा.

अनार की खेती

बरसात के मौसम में अनार की बागवानी करना सबसे बेहतर विकल्प है. हल्की बलुई दोमट मिट्टी में कंपोस्ट डालकर खेत तैयार करने के बाद अनार के पौधे लगाए जाते हैं. अनार के लिए टपक सिंचाई (Drip Irrigation) सबसे कारगर मानी जाती है, जिससे पानी और श्रम दोनों की बचत होती है. हर 120 से 130 दिन में अनार की तुड़ाई की जा सकती है, यानी सालभर में कई बार किसान को आमदनी का मौका मिलता है.

जामुन की बागवानी

जामुन की रोपाई के लिए जून से अगस्त तक का समय बेस्ट माना जाता है. बरसात के बीच लगाए गए पौधे मिट्टी और नमी के सहारे तेजी से विकसित होते हैं. एक हेक्टेयर में लगभग 250 पौधे लगाए जा सकते हैं. एक बार पौधा तैयार हो जाने पर 7-8 साल बाद सिर्फ एक पेड़ से 80-90 किलो जामुन का उत्पादन आसानी से मिल सकता है, जो बाजार में महंगे दामों पर बिकता है.

लीची के बाग

लीची की खेती के लिए मानसून का समय बेहद उपयुक्त है. जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी में गूटी विधि से तैयार पौधे लगाने चाहिए, ताकि बेहतर क्वालिटी के फल मिल सकें. जून-जुलाई के महीने में रोपे गए लीची के पौधे तेजी से बढ़ते हैं. एक बार बाग तैयार हो जाने के बाद किसानों को कई दशकों तक लगातार फल मिलता है.

आंवला का पौधा

आंवले का पौधा बरसात में लगाने से बहुत तेजी से पनपता है. जुलाई-अगस्त इस काम के लिए सही समय है. आंवले का कलमी पौधा तीसरे साल से फल देना शुरू कर देता है, जबकि बीज से उगाए गए पौधे 6-8 साल में फल देते हैं. एक विकसित आंवले का पेड़ 1 से 3 क्विंटल तक फल दे सकता है और 50-60 साल तक लगातार किसानों को फायदा पहुंचाता है.

जामुन और अनार के साथ मिलीजुली खेती

बरसात के सीजन में किसान जामुन और अनार की मिलीजुली खेती करके भी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. दोनों पौधों की जड़ें गहरी होती हैं, जिससे एक-दूसरे की वृद्धि में बाधा नहीं आती.

किसानों के लिए सुनहरा मौका

बरसात का मौसम खेती-बाड़ी में निवेश करने का बेहतरीन समय है. अगर किसान खरीफ फसलों के साथ-साथ फलदार पेड़ों की बागवानी पर ध्यान दें, तो आने वाले 3-4 सालों में उन्हें दोगुना फायदा मिल सकता है. कम खर्च, कम जोखिम और लंबी अवधि की आमदनी के लिए ये फलदार पौधे किसानों की आर्थिक मजबूती का सहारा बन सकते हैं.

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