Mandi Rate: महाराष्ट्र से बड़ी मात्रा में पुराना प्याज आने की वजह से कर्नाटक की बेलगावी मंडी में प्याज के दाम तेजी से गिरकर 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए. इससे स्थानीय किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. महाराष्ट्र में नवंबर-दिसंबर में नए प्याज की फसल आनी है, इसलिए वहां के व्यापारी पहले से ही पुराना स्टॉक निकाल रहे हैं, ताकि नई फसल आने पर दाम और न गिरें. इस भारी सप्लाई की वजह से बेलगावी में बाजार में प्याज की अधिकता हो गई है, जिससे कीमतें और गिर गईं. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्थिति को देखते हुए कर्नाटक राज्य कृषि बोर्ड ने एक टीम को महाराष्ट्र भेजा है, ताकि वहां की बाजार स्थिति का अध्ययन किया जा सके. APMC कार्यालय के मुताबिक, शनिवार को बेलगावी मंडी में करीब 70 ट्रक प्याज पहुंचा. अच्छी गुणवत्ता वाला प्याज 1,900 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका. जबकि कमजोर गुणवत्ता वाला प्याज केवल 800 रुपये प्रति क्विंटल में ही बिक पाया. इस बीच कर्नाटक के कुछ हिस्सों में प्याज की नई फसल की कटाई शुरू हो चुकी है, जिससे दामों पर और दबाव बढ़ गया है.
मंडी में 80 ट्रक प्याज की आवक
शनिवार को बेलगावी मंडी में करीब 70 ट्रक नई फसल का प्याज और 10 ट्रक पुराना प्याज (कर्नाटक का ही) पहुंचा. हाल ही में हुई भारी बारिश की वजह से कर्नाटक की नई प्याज फसल की गुणवत्ता कमजोर रही, जिससे इसका दाम 200 रुपये से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहा. इसके मुकाबले महाराष्ट्र से आया प्याज बेहतर गुणवत्ता का होने के कारण थोड़ा ज्यादा दाम पर बिका. APMC बेलगावी के सचिव, विश्वनाथ रेड्डी ने कहा कि कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों से भारी मात्रा में प्याज आने की वजह से दाम तेजी से गिर गए हैं. महाराष्ट्र से अचानक आई सप्लाई को देखते हुए, हमने वहां एक टीम भेजी है, ताकि स्थिति की जांच कर किसानों के लिए अगले कुछ हफ्तों में कोई समाधान तैयार किया जा सके.
किसानों ने किया प्रदर्शन
वहीं, पिछले हफ्ते खबर सामने आई थी नासिक में प्याज की कीमत 7 से 10 रुपये प्रति किलो तक ही रह गई है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसानो का उत्पादन, मजदूरी और परिवहन का खर्च भी नहीं निकल पा रहा. ऐसे में शुक्रवार को बड़ी संख्या में किसानों ने और संघटना के कार्यकर्ता हाईवे पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने नारे लगाए ‘प्याज को गारंटी भाव दो’, ‘किसान विरोधी नीतियां बंद करो’, ‘किसानों की मेहनत को सही कीमत दो’.