Durga Ashtami: धन संपदा पाने के लिए करें मां महागौरी की पूजा, जान लें मुहूर्त

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती हैं. इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है.

Kisan India
Noida | Updated On: 5 Apr, 2025 | 07:52 AM

नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का खास अवसर है, जिसमें प्रत्येक दिन अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. इस दिन मां पार्वती के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा (Maa Mahagauri Puja) की जाती है. माना जाता है कि नवरात्रि के नौ दिन माता अपने भक्तों का दुख का निवारण करने स्वयं धरती पर आती हैं. यही कारण है कि भक्त नौ दिन की ये पूजा निष्ठा, विधि-विधान के साथ माता की आराधना करते हैं. वहीं, मां महागौरी की से पूजा सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इसके अलावा मान्यताओं के अनुसार महाष्टमी के दिन कन्या पूजन भी विशेष महत्व होता है. इसी संदर्भ में आइए जानते हैं माता की पूजा विधि और महत्व.

मां महागौरी का स्वरूप और महत्व

मां महागौरी देवी पार्वती का एक रूप हैं, जिन्हें गौर वर्ण, स्वच्छ और शांत स्वभाव वाली देवी के रूप में पूजा जाता है. उनका रूप अत्यंत शांत और करुणामय है. मान्यताओं के अनुसार जब देवी पार्वती भगवान शिव से रूष्ट हो कर तपस्या में लीन हो गई थीं, तब भगवान शिव माता के तेज को देख चकित रह गए थे. इसके बाद महादेव ने माता पार्वती को गौर वर्ण का वरदान दिया था. इससे उनका रूप अत्यंत सुंदर और उज्जवल हो गया. इस कारण उन्हें ‘महागौरी’ कहा जाता है. इसके साथ ही माता की प्रिय सवारी वृषभ होने के कारण इन्हें वृषारूढा भी कहा जाता है. वहीं, इस दिन मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति को केवल धन और समृद्धि ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति, पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा की भी प्राप्ति होती है.

मां महागौरी की पूजा विधि

मां महागौरी की पूजा के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें. फिर पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल से शुद्ध करें. पूजा स्थल पर दीपक प्रज्वलित करें और मां महागौरी के चित्र या मूर्ति के सामने अक्षत, सिंदूर और लाल पुष्प अर्पित करें. इसके बाद, मां का गंगा जल से अभिषेक करें, और प्रसाद के रूप में फल, मिठाई और नारियल चढ़ाएं. ध्यान रखें कि माता को केवल सात्विक पदार्थों का ही भोग लगाएं. फिर मां महागौरी के मंत्र का जाप करें और फिर मां की आरती कर पुजा संपन्न करें.

मां महागौरी के मंत्र

मूल मंत्र:
श्वेते वृषेसमारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

देवी स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

पूजन का मुहूर्त

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा के साथ कन्या पूजन भी किया जाता है. यह परंपरा खासतौर पर अष्टमी और नवमी तिथियों को की जाती है. कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त महाष्टमी के दिन सुबह 11:59 बजे से लेकर दोपहर 12:49 बजे तक होता है. कन्या पूजन इसलिए की जाती हैं क्योंकि बच्चियों और महिलाओं शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. इसी कारण दुर्गा के नौ स्वरूप में नौ कन्या और भैरव बाबा के रूप में एक बालक को आमंत्रित किया जाता है. जिनका आदर सम्मान के साथ पैर धोकर, कुमकुम और अक्षत का तिलक किया जाता है, और फिर हलवा-पूरी, चना का भोग लगाया जाता है. अंत में, उन्हें उपहार देकर मां आदिशक्ति का आशीर्वाद लिया जाता है.

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Published: 5 Apr, 2025 | 07:40 AM

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