नारियल उत्पादन में गिरावट से किसानों को भारी नुकसान, कारोबारियों के सामने भी बड़ी चुनौती

केरल में नारियल उत्पादन में भारी गिरावट से किसान, कारोबारी और निर्यातक संकट में हैं. मजदूरी और लागत बढ़ने से छोटे किसान परेशान हैं. उत्पादन घटने के बावजूद नारियल उत्पादों का निर्यात 25 फीसदी बढ़ा है.

नोएडा | Updated On: 27 Jun, 2025 | 10:03 AM

केरल में नारियल के उत्पादन में भारी गिरावट आने के चलते किसान संकट में हैं और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि मिल मालिक और कारोबारी नारियल की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में निर्यातकों को भारी घाटा हो रहा है. वे खरीद और बाजार मूल्य के बीच संतुलन नहीं बना पा रहे. क्योंकि एक ओर नारियल की कीमत 80 रुपये किलो है, तो वहीं दूसरी ओर नारियल तेल 400 रुपये लीटर तक पहुंच गई है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक प्रमुख निर्यात कंपनी के मालिक ने कहा कि हम केरल और तमिलनाडु से नारियल खरीदते हैं, लेकिन उत्पादन में भारी गिरावट के कारण अब फैक्टरी की शिफ्ट भी घटानी पड़ी है. हम निर्यात बाजार में कीमत नहीं बढ़ा सकते, वरना हमारा मूल्य प्रतिस्पर्धात्मक लाभ खत्म हो जाएगा. विशेषज्ञों का कहना है कि इस संकट के पीछे कई कारण हैं. छोटे और सीमांत किसानों ने पिछले कुछ वर्षों में कम कीमतों और महंगे खाद के चलते खाद डालना, फसल काटना और पेड़ों की सफाई करना बंद कर दिया है. साथ ही, नारियल पर चढ़ने वाले मजदूर एक पेड़ के 70 से 100 लेते हैं, जो किसानों के लिए महंगा साबित हो रहा है.

पेड़ों पर चढ़ने वाले मजदूरों की भारी कमी

कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड (CDB) के चीफ नारियल विकास अधिकारी बी. हनुमंथे गौड़ा ने कहा कि पैदावार बढ़ाने की योजनाओं के बावजूद केरल में खेती का रकबा घट रहा है. बोर्ड हर साल केरल में 20 करोड़ रुपये खर्च करता है. उन्होंने कहा कि करीब 38 फीसदी नारियल के बागान पुराने और कमजोर हो चुके हैं. किसान कीटों और बीमारियों की शिकायत कर रहे हैं. पिछले 10 सालों में हमने केरल में 33,000 लोगों को ट्रेनिंग दी है, लेकिन पेड़ों पर चढ़ने वाले मजदूरों की भारी कमी है.

पहले एक पेड़ से 50 नारियल मिलते थे

पलक्कड़ के किसान पांडियोड प्रभाकरण ने कहा कि पहले एक पेड़ से 50 नारियल तक मिलते थे, अब सिर्फ 10 से 15 ही मिलते हैं. नारियल काटने वाले 70-100 रुपये प्रति पेड़ लेते हैं, जो काफी महंगा है. अब किसान तमिलनाडु से मजदूर बुला रहे हैं, जो हॉर्वेस्टिंग पोल से नारियल काटते हैं. नारियल पर आधारित उद्योगों के बढ़ते विविधीकरण ने भी बाजार में नारियल की कमी बढ़ा दी है.

नारियल उत्पादों का निर्यात 25 फीसदी बढ़ा

कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि लगभग सभी डीसिकेटेड कोकोनट (सूखा नारियल) बनाने वाली यूनिट्स नारियल की खरीद केरल से करती हैं. वर्ष 2024-25 में नारियल उत्पादों का निर्यात 25 फीसदी बढ़ा है. इस दौरान देश ने 4,349 करोड़ रुपये के नारियल उत्पादों का निर्यात किया, जिनमें से 1,031.6 करोड़ रुपये के उत्पाद कोचीन बंदरगाह से भेजे गए.

Published: 27 Jun, 2025 | 09:58 AM