पंजाब में नहीं कम हो रहीं पराली जलाने की घटनाएं, 14 नए मामले आए सामने.. इस जिले में सबसे ज्यादा केस

पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. अमृतसर सबसे ज्यादा प्रभावित है. सरकार ने सैटेलाइट मॉनिटरिंग तेज कर दी है और किसानों को जागरूक कर रही है. अब तक 60 FIR दर्ज की गई हैं और 2.75 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है.

नोएडा | Published: 12 Oct, 2025 | 09:14 AM

Stubble Problem: राज्य सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद  पंजाब में पराली जलाने की घटना पर ब्रेक नहीं लग रहा है. शनिवार को प्रदेश में 14 नए खेतों में पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हुईं, जिससे इस सीजन में कुल मामले 116 हो गए हैं. यह जानकारी पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (PRSC) ने दी है. अमृतसर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां 62 मामले सामने आए, जो पूरे राज्य के आधे से ज्यादा हैं. उसके बाद तरनतारन का नंबर है, जहां भी पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं. पटियाला, संगरूर और बरनाला में भी कुछ-कुछ मामले रिपोर्ट हुए हैं.

अधिकारियों का कहना है कि ये बढ़ोतरी मौसमी है, क्योंकि अब जल्दी पकने वाली धान की फसल की कटाई  शुरू हो रही है. आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि किसान खेत साफ करके गेहूं की बुआई  करना चाहते हैं. सरकार ने खेतों में आग लगाने पर सैटेलाइट से नजर रखने का काम तेज कर दिया है. जिला प्रशासनों को सख्त निगरानी का आदेश दिया गया है. साथ ही नोडल अधिकारी किसानों को फसल जलाने से रोकने के लिए प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं.

इस वजह से पराली जला रहे किसान

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ कृषि अधिकारी ने कहा कि हम जागरूकता अभियान चला रहे हैं और किसानों को सस्ती दरों पर फसल अवशेष प्रबंधन की मशीनें भी उपलब्ध करा रहे हैं. जमीनी हालात बताते हैं कि कई किसान महंगी मशीनरी की कीमत और धान की कटाई से गेहूं की बुआई तक कम समय होने की वजह से पराली जलाने पर ही भरोसा कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके लिए जल्दी और सस्ता तरीका है.

कुल 2.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

हर साल पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) 15 सितंबर से पराली जलाने पर नजर रखता है, जो जल्दी पकने वाली धान की कटाई  के साथ शुरू होता है और 30 नवंबर तक चलता है. साल 2024 में पंजाब में कुल 10,909 खेतों में आग लगने की घटनाएं दर्ज हुईं, जिनमें संगरूर सबसे ज्यादा 1,725 मामले मामले थे. अब तक दर्ज 116 मामलों में से केवल 58 की ही फील्ड अधिकारियों ने जांच की है. कड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब सरकार ने पराली जलाने  वाले किसानों के खिलाफ 60 FIR दर्ज की हैं. इसके अलावा, 38 किसानों के जमीन रिकॉर्ड में “रेड एंट्री” की गई है, जिससे वे कर्ज नहीं ले पाएंगे और न ही अपनी जमीन बेच या गिरवी रख पाएंगे. इसके अलावा, राज्य सरकार ने पर्यावरण नुकसान के चलते 57 मामलों में कुल 2.75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें से 2.20 लाख रुपये वसूला जा चुका है.

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