तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सरकारों ने किसानों के हित में बड़े फैसले लिए हैं. तेलंगाना के कृषि मंत्री थुम्माला नागेश्वर राव ने मंडी में बिचौलियों की भूमिका को खत्म करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कृषि उपज के भंडारण की क्षमता बढ़ाने के लिए NABARD और ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि (RIDF) से मिलने वाले फंड का उपयोग किया जाए और इसकी मदद से गोदाम और कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएं. ताकि फसल खरीद के बाद उपज को समय पर मंडी से गोदाम तक पहुंचाया जा सके.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि मंत्री थुम्माला नागेश्वर राव ने मंगलवार को कृषि और विपणन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि रैतू बाजारों में सिर्फ किसान ही अपनी उपज बेच सकें, बिचौलियों को अनुमति न दी जाए. साथ ही, सभी मंडियों और रैतू बाजारों में पारदर्शिता और निगरानी बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश भी दिए. इसके अलावा मंत्री थुम्माला नागेश्वर राव ने अधिकारियों से कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गए मंडी यार्ड के पुनर्गठन संबंधी प्रस्तावों की जांच करें और जरूरी कार्रवाई करें.
किसानों को समय पर मिले बीज और खाद
खरीफ सीजन नजदीक होने के कारण उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसानों को समय पर बीज और खाद उपलब्ध हो जाएं. मंत्री ने यह भी कहा कि इस महीने के अंत तक दो लाख मिट्टी के नमूनों की जांच पूरी कर ली जाए. साथ ही, उन्होंने राज्य स्तरीय समितियों के जरिए प्राइमरी एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव सोसायटी (PACS) के सीईओ का तबादला शुरू करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि प्रस्तावित नई PACS की स्थापना की समीक्षा करें और 311 फॉर्मर एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव सोसायटीज (FACS) को जल्दी से जल्दी किसान उत्पादक संगठन (FPO) में बदलने की प्रक्रिया तेज करें.
किसानों को मिलेगा उनकी फसल का उचित रेट
वहीं, आंध्र प्रदेश में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को किसानों से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को जब मिर्च, तंबाकू, मत्स्य उत्पाद, कोको, गन्ना और आम जैसी फसलों की कीमतों में गिरावट के कारण बताए गए, तो उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मदद के लिए पूरी तरह तैयार है. सरकार ने छह मंत्रियों की एक कैबिनेट उप-समिति गठित की है, जो कृषि उत्पादन, लाभकारी मूल्य और जरूरी वस्तुओं की कीमतों की निगरानी करेगी. यह उप-समिति फसलों की कीमतों पर नजर रखेगी और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले.