केंद्र सरकार ने विपणन सीजन 2025-26 के लिए धान सहित 14 खरीफ फसलों का मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला किया है. यह फैसला बजट 2018-19 की घोषणा के अनुसार लिया गया है. उस घोषणा में कहा गया था कि एमएसपी, फसलों की औसत लागत का कम से कम 1.5 गुना होना चाहिए. सरकार के मुताबिक, किसानों को सबसे ज्यादा फायदा बाजरा में मिलेगा. इसमें लागत पर 63 फीसदी मुनाफे का अनुमान है. मक्का और तुअर में 59 फीसदी और उड़द में 53 फीसदी लाभ मिलने की उम्मीद है. बाकी फसलों में भी किसानों को 50 फीसदी तक मुनाफा हो सकता है.
हाल के वर्षों में सरकार ने अनाज के साथ-साथ दूसरी फसलों पर भी ध्यान दिया है. इसमें दालें, तिलहन और पोषक अनाज (श्री अन्न) शामिल हैं. सरकार इन फसलों की खेती को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए इन पर ज्यादा एमएसपी तय किया जा रहा है. खास बात यह है कि सरकार इन फसलों की खेती में विस्तार लाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं भी चला रही है. तो आइए आज जानते हैं सरकार ने फसल सीजन 2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान अभी तक खाद्यानों की कितनी खरीद की है.
7608 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद
फसल सीजन 2014-15 से 2024-25 के दौरान केंद्र सरकार ने 7608 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है, जबकि साल 2004-05 से 2013-14 के बीच यह आंकड़ा 4590 लाख मीट्रिक था. इसी तरह साल 2014-5 से 2024-25 की अवधि के दौरान केंद्र की 14 खरीफ फसलों की कुल खरीद 7871 लाख मीट्रिक थी, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान खरीद 4679 लाख मीट्रिक थी.
2014-15 से 2024-25 के दौरान कितना हुआ भुगतान
इसी तरह फसल सीजन 2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान धान उत्पादक किसानों को दी गई एमएसपी राशि 14.16 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान किसानों को दी गई एमएसपी राशि 4.44 लाख करोड़ रुपये थी. वहीं, साल 2014-15 से साल 2024-25 की अवधि के दौरान 14 खरीफ फसल उत्पादक किसानों को भुगतान की गई एमएसपी राशि 16.35 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान किसानों को दी गई एमएसपी राशि 4.75 लाख करोड़ रुपये दर्ज की गई.