Paddy cultivation: पंजाब के लुधियाना जिले में इस खरीफ सीजन में अब तक 90 से 92 फीसदी धान की बुआई पूरी हो गई है. खास बात यह है कि यह सफलता केवल एक महीने में मिली है. हालांकि, जिले में अभी भी रोपाई जारी है. ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य कृषि अधिकारी गुरदीप सिंह ने कहा है कि बाकी करीब 10 फीसदी जमीन पर अभी तक धान की बुआई नहीं हुई है, क्योंकि वहां गर्मी की मक्के या मूंग जैसी फसलें खड़ी हैं. जैसे ही ये फसलें कट जाएंगी, उस जमीन पर भी धान की बुआई शुरू हो जाएगी. गुरदीप सिंह ने कहा कि कुछ किसान रबी और खरीफ के बीच की खाली अवधि में अतिरिक्त आमदनी के लिए मक्के और मूंग जैसी फसलें लगाते हैं. ये फसलें अगले 10 दिनों में कट जाएंगी, फिर बचे हुए खेतों में भी धान बोया जाएगा.
तीन जोनों में बांटकर धान की रोपाई
खास बात यह है कि बचे हुए खेतों में कम अवधि वाली धान की किस्मों की बुआई होगी. इसलिए किसान वहां PR 126 जैसी कम अवधि में पकने वाली धान की किस्म लगाएंगे, ताकि समय पर फसल तैयार हो सके और रबी सीजन के लिए खेत भी तैयार किया जा सके. कृषि विभाग के मुताबिक, इस खरीफ सीजन में करीब 2.58 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होने की उम्मीद है. इस बार राज्य सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए पूरे पंजाब को तीन जोनों में बांटकर धान की रोपाई शुरू करवाई है.
जुलाई महीने में अब तक 189.3 मिमी बारिश
बता दें कि लुधियाना जिले में जुलाई महीने में अब तक 189.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य बारिश 130.4 मिमी होती है. पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (PAU) के धान विशेषज्ञ बूटा सिंह ढिल्लों के अनुसार, यह बारिश अब तक रोपे गए धान के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी. उन्होंने कहा कि धान की रोपाई के दौरान खेत से पौधों को निकालकर दूसरे खेत में लगाने का जो झटका होता है, वह पर्याप्त बारिश और कम तापमान की वजह से कम हो जाता है, जिससे फसल की उपज बढ़ती है. गुरदीप सिंह ने कहा कि शुरुआती दिनों में ज्यादा बारिश पानी पौधों की गुणवत्ता बढ़ाती है, जिससे उपज अच्छी होती है और साथ ही जमीन के नीचे पानी की कमी भी कम होती है.