तेलंगाना में रबी फसलों की बुवाई शुरू, पर धान के रकबे में 15 फीसदी की बढ़ोतरी ने बढ़ाई चिंता

तेलंगाना में रबी बुआई शुरू हो गई है, धान की बुआई पिछले साल से 10-15 फीसदी बढ़ी. लंबे मॉनसून ने सिंचाई सुनिश्चित की, लेकिन कृषि विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि इससे फसल विविधता कम हो सकती है. भंडारण और यूरिया की कमी भी चिंता बढ़ा रही है. दलहन और तेलहन फसलें घट रही हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 11 Nov, 2025 | 10:30 PM

Telangana Agriculture News: तेलंगाना में रबी फसलों की बुआई शुरू हो गई है. लेकिन कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि राज्य में धान पर बढ़ती निर्भरता चिंता का कारण बन रहा है. क्योंकि धान पानी ज्यादा मांगती है. इससे एकल फसल संकट हो सकता है. शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, 2025-26 सत्र में रबी धान की बुआई पिछले साल की तुलना में 10-15 फीसदी बढ़ गई है. लंबे मॉनसून के कारण गोदावरी और कृष्णा बेसिन के जलाशय नवंबर तक भरे हुए हैं, जिससे किसान बड़े पैमाने पर धान की बुआई कर रहे हैं. लेकिन कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बिना योजना के इस विस्तार से फसलों की विविधता और जल-संरक्षण पर लंबी अवधि में नकारात्मक असर पड़ सकता है.

इस रबी सीजन में कुल बुआई का अनुमान 68.67 लाख एकड़ है, जिसमें अकेले धान के लिए 55 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन रिजर्व होने की संभावना है. पूरे देश में रबी बुआई लगभग 7-8 फीसदी बढ़ने का अनुमान है और तेलंगाना धान की बुआई  में सबसे आगे है. विशेषज्ञों का कहना है कि धान पर बढ़ती निर्भरता तेलहन और दलहन फसलों की जगह कम कर सकती है.

असमय बारिश बनी चुनौतियां 

पूर्वी जिलों जैसे वारंगल, खम्मम, नलगोंडा, निजामाबाद और करीमनगर में जहां दोनों नदियों से सिंचाई सुनिश्चित है, धान की बुआई तेजी से बढ़ रही है और पारंपरिक दलहन और तेलहन फसलों की जगह ले रही है. किसानों को अच्छे किस्मों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य  (MSP) के ऊपर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस का वादा किया गया है, लेकिन खरीद और भंडारण में देरी और असमय बारिश की वजह से चुनौतियां बनी हुई हैं.

सिंचाई की नहीं है कोई दिक्कत

पिछले रबी सीजन में मार्च-अप्रैल 2025 में भारी बारिश के कारण राज्य के गोदामों पर दबाव पड़ा था. कोडाद डिविजन के एनएसपी लेफ्ट कैनाल के किसान नगराजू कहते हैं कि अब पानी भरपूर है और अप्रैल 2026 तक सिंचाई सुनिश्चित है. धान सुरक्षित विकल्प है. सूरजमुखी या मूंगफली उगाने का जोखिम क्यों लें, जब धान का खरीदार तय है? तेलहन की खेती प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं  के कमांड क्षेत्रों में पीछे छूट गई है, क्योंकि ज्यादातर किसान धान को चुन रहे हैं. इसकी वजह है कि धान में खरीदार तय है और बाजार में कीमत का भरोसा है.

1.2 करोड़ टन होगी धान की खरीद

लेकिन, इतनी तेजी से धान की बुआई होने से भंडारण की क्षमता पर दबाव बढ़ सकता है. विभिन्न विभागों के गोदाम, खासकर मार्केटिंग विंग के गोदाम, पहले ही खरीफ के स्टॉक से भर चुके हैं और रबी की कटाई के पीक पर लगभग 1.2 करोड़ टन धान रखने की जरूरत होगी. इसी के साथ उर्वरक की कमी भी चिंता बढ़ा रही है. केंद्र सरकार ने 2025-26 के रबी सीजन के लिए तेलंगाना को 10.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया आवंटित किया है, जो केवल अनुमानित आवश्यकता के बराबर है. अगर धान की बुआई और बढ़ी, तो यूरिया की कमी हो सकती है, जिससे संकट और बढ़ जाएगा.

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Published: 11 Nov, 2025 | 10:30 PM

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