Diwali 2025: दिवाली सिर्फ रोशनी और मिठाइयों का त्योहार नहीं, बल्कि यह आस्था, परंपरा और सकारात्मकता का प्रतीक है. इस दिन मिट्टी के दीये जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है, जो भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने से जुड़ी हुई मानी जाती है. जब श्रीराम 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे, तब नगरवासियों ने पूरे नगर को मिट्टी के दीयों से जगमगा दिया था. उसी दिन से हर साल कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाने की परंपरा शुरू हुई.
मां लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक
मिट्टी के दीये जलाना मां लक्ष्मी के आगमन का संकेत माना जाता है. मान्यता है कि दीपक की रोशनी से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. जब हम दीप जलाते हैं, तो वह केवल एक लौ नहीं होती, बल्कि यह हमारे जीवन के अंधकार को मिटाने और ज्ञान का प्रकाश फैलाने का प्रतीक बन जाती है.

दिवाली पर मिट्टी के दीये जलाने का महत्व (Photo Credit: Canva)
ज्योतिषीय दृष्टि से शुभ माना गया दीपक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिवाली की रात मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल जलाना शनि ग्रह को मजबूत करता है और जीवन में स्थिरता लाता है. वहीं गाय के घी से दीप जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. यही कारण है कि इस रात पहला दीपक मां लक्ष्मी के नाम से जलाने की परंपरा है.
पंचतत्वों से जुड़ा है दीपक
मिट्टी का दीपक हमारे अस्तित्व और ब्रह्मांड के पंचतत्वों जल, वायु, अग्नि, आकाश और भूमि का प्रतीक है. मिट्टी दीपक का शरीर दर्शाती है, उसकी लौ अतीत का संकेत देती है और रुई की बत्ती आकाश और भविष्य की दिशा दिखाती है. इस प्रकार एक छोटा-सा दीपक जीवन, समय और सृष्टि के चक्र को दर्शाता है.
दीपक जलाने का आधुनिक संदेश
आज के समय में भी मिट्टी के दीये सिर्फ धार्मिक प्रतीक नहीं हैं, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मन की शांति लाने का माध्यम बन गए हैं. जब हम दीपक जलाते हैं, तो यह हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में हर कठिनाई का सामना उजाले और उम्मीद से किया जा सकता है. इसलिए, इस दिवाली केवल रोशनी के लिए नहीं, बल्कि अपने घर और दिल में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता फैलाने के लिए भी मिट्टी के दीये जरूर जलाएं.
दीपक का आध्यात्मिक संदेश
दीपक जलाने से न केवल घर जगमगाता है बल्कि मन भी उजाला महसूस करता है. यह हमें यह सिखाता है कि जीवन के अंधकार को मिटाने के लिए भीतर की ज्योति जलाना जरूरी है. इसलिए कहा जाता है, “तमसो मा ज्योतिर्गमय”, अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ो.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है. लेखक या प्रकाशक इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता/करती है. )