अब बच नहीं पाएंगे नकली खाद-बीज माफिया, उद्यान विभाग को भी मिला एक्शन का अधिकार

सरकार और विभाग का अगला फोकस नकली बीज और कीटनाशकों पर है. विभाग का मानना है कि ज्यादा जांच अधिकारी होने से अब हर लेन-देन पर नजर रखी जा सकेगी और किसानों को शुद्ध कृषि सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी.

नई दिल्ली | Updated On: 16 Jun, 2025 | 02:14 PM

राजस्थान के किसानों को नकली खाद, बीज और कीटनाशकों से राहत दिलाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब सिर्फ कृषि विभाग ही नहीं, बल्कि उद्यान विभाग के अधिकारी भी ऐसे गोरखधंधों पर एक्शन ले सकेंगे. यानी नकली माल बेचने वालों की अब हर दिशा से घेराबंदी होगी.

भीलवाड़ा जिले से शुरू हुई इस सख्ती की शुरुआत ने किसानों में भरोसा जगाया है. पहले जहां सिर्फ कृषि विभाग और आत्मा परियोजना के अधिकारी ही फैक्ट्रियों और दुकानों की जांच कर सकते थे, अब गजट अधिसूचना के जरिए उद्यान विभाग के उपनिदेशक, सहायक निदेशक और कृषि अधिकारियों को भी ये अधिकार दिए गए हैं. ये अधिकारी अब सैंपल भी ले सकेंगे, जांच कर सकेंगे और जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी कर पाएंगे.

21 अधिकारी और 212 सुपरवाइजर रखेंगे नजर

भीलवाड़ा जिले में फिलहाल चार नए निरीक्षक उद्यान विभाग से जुड़े हैं, जिससे जिले में जांच अधिकारियों की संख्या 21 हो गई है. साथ ही, 212 सुपरवाइजर पूरे जिले में खाद और बीज की बिक्री की निगरानी कर रहे हैं. इसका मतलब है कि अब हर कोने में किसानों की रक्षा के लिए एक निगरानी तंत्र मौजूद रहेगा.

नकली खाद की फैक्ट्रियों पर शिकंजा कसना शुरू

भीलवाड़ा में तीन प्रमुख खाद बनाने वाली फैक्ट्रियों की नियमित जांच की जा रही है. डॉ. शंकरसिंह राठौड़, जो जिले के उद्यान विभाग के उपनिदेशक हैं, बताते हैं कि पहले कुछ दुकानों पर मिलते-जुलते नामों से नकली खाद बेची जा रही थी. लेकिन हाल ही में किशनगढ़ में हुई कार्रवाई के बाद ऐसे मामलों पर काफी हद तक ब्रेक लग गया है.

अब अगला निशाना- नकली बीज और कीटनाशक

सरकार और विभाग का अगला फोकस नकली बीज और कीटनाशकों पर है. विभाग का मानना है कि ज्यादा जांच अधिकारी होने से अब हर लेन-देन पर नजर रखी जा सकेगी और किसानों को शुद्ध कृषि सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी. इससे न सिर्फ उनकी फसल सुरक्षित रहेगी, बल्कि उनकी मेहनत और आमदनी पर भी आंच नहीं आएगी.

कुल मिलाकर, सरकार अब नकली कृषि सामग्री बेचने वालों पर शिकंजा कसने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. यह बदलाव न सिर्फ कृषि की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि किसान को सुरक्षा और भरोसे की एक नई नींव देगा.

Published: 16 Jun, 2025 | 07:49 AM