देशभर में भारी बारिश के चलते बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने बुनियादी ढांचे का भारी नुकसान पहुंचाया है. सबसे ज्यादा फसलों का नुकसान हुआ है. गृह मंत्रालय ने आपदा प्रभावितों को राहत दिलाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए अंतर मंत्रालय केंद्रीय दलों का गठन किया है. ये दल हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में नुकसान का जायजा लेने जाएंगे और आंकलन कर राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे. केंद्र ने 24 राज्यों को तत्काल राहत के लिए 10 हजार करोड़ रुपये जारी किए हैं. वहीं, आपदा प्रभावितों को सीधे उनके खाते में डीबीटी के जरिए सहायता राशि भेजी जाएगी.
भारी बारिश और भूस्खलन के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू -कश्मीर में तेज वर्षा से आई बाढ़ और बादल फटने जैसी आकस्मिक बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए अंतर मंत्रालय केंद्रीय दलों का गठन किया गया है. गृहमंत्री अमित शाह के निर्देशों पर ये दल मौके पर जाकर स्थिति का आंकलन करेंगे और राज्य सरकारों के राहत कार्यों की भी समीक्षा करेंगे. ये दल हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू -कश्मीर के बाढ़ और भूस्खलन ग्रस्त जिलों का दौरा करेंगे.
हर दल का नेतृत्व गृह मंत्रालय या राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे. इसमें कृषि, किसान कल्याण, जल शक्ति, विद्युत, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय और व्यय विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. मंत्रालय प्रभावित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और उन्हें हर प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है.
24 राज्यों को तत्काल राहत के लिए फंड जारी
वित्तीय वर्ष 2025-26 में केंद्र सरकार ने 24 राज्यों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने में सक्षम बनाने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन कोष में 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कोष से 12 राज्यों को करीब दो हजार करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी खराब हुई फसलों का मुआवजा उन्हें दिया जाएगा. इस मुश्किल घड़ी में सरकार उनके साथ है.
पंजाब ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 60 हजार करोड़ मांगे
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि काफी दिनों से पहाड़ों के ऊपर और हमारे पड़ोसी राज्यों में बारिश के कारण पंजाब में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. बहुत भारी नुकसान हो रहा है लेकिन हमारी पंजाब पुलिस मुस्तैदी के साथ ग्राउंड पर उतरी हुई है. हमारे मुख्यमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री को पहले एक पत्र लिखा था कि हमारे जो 60 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास बकाया पड़े हैं उसे तुरंत जारी किया जाए. अब तक उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई लेकिन आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का फोन भगवंत मान को आया था. हमारी पंजाब के सभी भाजपा नेताओं से विनती है कि वे हमारा 60 हजार करोड़ रुपये तुरंत उपलब्ध कराएं ताकि हम पंजाब के लोगों की और अच्छे ढंग से मदद कर पाएं.
सीएम सुक्खू ने चेताया अभी कारण नहीं तलाशे तो सबको नुकसान होगा
बाढ़ और भूस्खलन से सर्वाधिक पीड़ित राज्य हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर कहा कि मैं विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री से बात करना चाह रहा था लेकिन वे बाहर थे. क्योंकि हमें इसके कारण भी ढूंढने होंगे. इसके पीछे कोई एक कारण नहीं है. जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग इसके मुख्य कारण हैं. आने वाले समय में अन्य पहाड़ी प्रदेश या पूर्वोत्तर राज्य इसे झेलेंगे और फिर आने वाले समय में इसका नुकसान सभी को झेलना पड़ेगा. इस ओर एक विस्तृत योजना बननी चाहिए.इसी दृष्टिकोण से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विशेषज्ञों की राय ली जाएगी.