सुअर पालन करने पर आधा खर्च दे रही सरकार, पशुपालक ऐसे पाएं लाभ

सरकार ने सुअर पालन को बढ़ावा देने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी योजना शुरू की है, जिससे किसानों को मुनाफा कमाने का अवसर मिलेगा. इस योजना के तहत किसान कम लागत में सुअर पालन कर सकते हैं.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 28 Apr, 2025 | 12:53 PM

सरकार ने किसानों के लिए सुअर पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई योजना शुरू की है, जिसमें सुअर पालन पर 50 फीसदी सब्सिडी प्रदान की जा रही है, ताकि किसान कम लागत में मुनाफा कमा सकें. इस योजना का मुख्य उद्देश्य सुअर पालन को एक लाभकारी व्यवसाय बनाना है. मादा सुअर की उच्च प्रजनन क्षमता और सरकारी सहायता से यह व्यवसाय किसानों के लिए आकर्षक विकल्प बन सकता है. आइए इस योजना के प्रमुख पहलुओं पर नजर डालते हैं, जिनमें सब्सिडी, योजना का लाभ उठाने के लिए शर्तें, आवेदन प्रक्रिया और 60 लाख रुपये के प्रोजेक्ट में किसान का हिस्सा शामिल हैं.

सुअर पालन पर 50 फीसदी सब्सिडी

सुअर पालन एक लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकता है, क्योंकि मादा सुअर प्रति बार 8 से 14 बच्चों को जन्म देती है, जो मांस उत्पादन के लिए उपयोगी होते हैं. सरकार ने ‘स्टॉक मिशन’ के तहत इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी का ऐलान किया है. इस स्कीम के तहत किसान 100 मादा सुअर और 10 नर सुअर पाल सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक मांस उत्पादन की संभावना मिलेगी.

योजना का लाभ उठाने के लिए शर्तें

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को कई शर्तों का पालन करना होगा. सबसे पहले, किसान को सुअर पालन में पंजीकृत संस्था से प्रशिक्षण लेना होगा. इसके अलावा, किसान के पास कम से कम 2 एकड़ भूमि होनी चाहिए और उस पर कोई लोन नहीं होना चाहिए. यदि किसान के पास अपनी भूमि नहीं है तो वह 10 साल के लिए पंजीकृत लीज पर जमीन लेकर भी सुअर पालन कर सकता है.

लाभ लेने के लिए देनी होगी प्रोजेक्ट रिपोर्ट

किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए विभाग की उद्यम मित्रा वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के साथ ही उन्हें 60 लाख रुपये की प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी, जिसे पशु चिकित्सा विभाग की टीम जांचेगी. इसके बाद, फॉर्म संबंधित बैंक को भेजा जाएगा, जो अपनी शर्तों पर लोन प्रदान करेगा.

60 लाख के प्रोजेक्ट में 6 लाख रुपये किसान का हिस्सा

इस योजना के तहत 60 लाख रुपये के प्रोजेक्ट में 6 लाख रुपये किसान का हिस्सा रहेगा, जबकि 24 लाख रुपये बैंक से लोन के रूप में मिलेंगे. किसान द्वारा 25 फीसदी खर्च करने के बाद 15 लाख रुपये की छूट खाते में आ जाएगी. इसके अलावा बकाया 15 लाख प्रोजेक्ट पूरा हो जाने पर दिया जायेगा . इसके इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और सुअर पालन को एक लाभकारी व्यवसाय बनाना है.

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Published: 28 Apr, 2025 | 12:53 PM

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