क्या आपके पौधे के पत्ते पीले पड़ रहे हैं और तने मुरझाए हुए लगते हैं? यह सिर्फ सतही समस्या नहीं है. आपके पौधे की जड़ें ही रूट रॉट की चपेट में हो सकती हैं. रूट रॉट एक ऐसी बीमारी है जो जड़ों को कमजोर करके पूरे पौधे को प्रभावित करती है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, सही कदम उठाकर आप अपने पौधे को फिर से स्वस्थ कर सकते हैं.
रूट रॉट क्या है?
रूट रॉट एक छिपी हुई समस्या है जो मिट्टी के भीतर शुरू होती है. जब पौधों की जड़ें लंबे समय तक गीली या खराब जल निकासी वाली मिट्टी में रहती हैं, तो जड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती. इसकी वजह से जड़ें नरम, भूरी और गलने लगती हैं. जैसे ही रॉट फैलता है, पौधा कमजोर हो जाता है, पत्तियां पीली और झड़ने लगती हैं, और तने मुरझा जाते हैं.
हालांकि यह डरावना लगता है, लेकिन यदि समय रहते पहचान ली जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है. इसके साथ ही इसे रोकने के आसान तरीके भी मौजूद हैं.
कैसे पहचानें कि जड़ें मर चुकी हैं?
रूट रॉट शुरू में हमेशा दिखता नहीं है, इसलिए जड़ों की जांच करना जरूरी है. पौधे को धीरे से गमले से बाहर निकालें और जड़ों का निरीक्षण करें. स्वस्थ जड़ें कठोर, सफेद या हल्के भूरी होती हैं. वहीं मरी हुई जड़ें गहरी भूरी या काली, चिकनी और दुर्गंध वाली होती हैं. यदि जड़ें छूते ही टूट जाती हैं, तो यह स्पष्ट संकेत है कि उन्हें काटने और नई मिट्टी में लगाने की जरूरत है.
रूट रॉट का इलाज कैसे करें?
सबसे पहले, पौधे को सावधानीपूर्वक गमले से बाहर निकालें. मिट्टी को धीरे से झटक कर हटा दें ताकि जड़ों को कोई नुकसान न पहुंचे. इस प्रक्रिया में कोमल और धैर्यपूर्ण रहना बेहद जरूरी है.
इसके बाद, साफ और तेज कैंची या प्रूनिंग शियर का इस्तेमाल कर सभी गल चुकी, गहरी भूरी या दुर्गंध वाली जड़ों को काट दें. केवल स्वस्थ और मजबूत जड़ों को ही बचाएं.
स्वस्थ जड़ों को हल्के गुनगुने पानी से धोएं ताकि मिट्टी और संभावित फंगस के स्पोर दूर हो जाएं. इसके बाद पौधे को नए, हवादार और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाएं. ऐसे मिट्टी मिश्रण का चयन करें जिसमें कोकोपीट, पर्लाइट और गोबर जैसी चीजें शामिल हों, ताकि पौधे को पर्याप्त पोषण और ऑक्सीजन मिले.
नए गमले में पौधे लगाने के बाद पहली बार थोड़ा पानी दें और मिट्टी को बस हल्की नम रखें. पौधे को सीधे धूप या ठंडी जगह से बचाकर उजली और गर्म जगह पर रखें ताकि वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो सके.
रोकथाम भी जरूरी है
रूट रॉट से बचने का सबसे आसान तरीका है सही पानी देना और मिट्टी का ध्यान रखना. कभी भी पौधों को जरूरत से ज्यादा पानी न दें और गमले में हमेशा ड्रेनेज होल मौजूद हों. भारी मिट्टी में रेत या पर्लाइट मिलाएं ताकि मिट्टी हल्की और हवादार बनी रहे. पौधों को उजली और गर्म जगह पर रखें और उन्हें ठंडी हवाओं या अंधेरे कोनों से दूर रखें.
रूट रॉट समय रहते पहचान कर और सही कदम उठाकर नियंत्रित किया जा सकता है. उचित मिट्टी, पानी और देखभाल से आपके पॉटेड पौधे फिर से स्वस्थ और हरे-भरे हो सकते हैं. इस प्रकार, आप अपने पौधों को लंबा जीवन और सुंदरता दोनों दे सकते हैं.